Unseasonal rain wreaks havoc in Vindhya: विंध्य क्षेत्र के किसानों पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। इन दिनों हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की चार महीने की कड़ी मेहनत पर पानी फेर दिया है, जिससे धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। यह बारिश किसानों के लिए ‘दोहरी मार’ साबित हो रही है, क्योंकि एक तरफ उनकी तैयार फसलें बर्बाद हो रही हैं, तो दूसरी तरफ रबी की बुवाई भी लेट हो रही है।
रीवा, मऊगंज और आसपास के कई इलाकों में लगातार हुई वर्षा के कारण खेतों में पानी भर गया है। जिससे खेतों में काटकर रखी गई धान की फसलें पानी में डूबकर सड़ने लगी हैं। जो फसलें अभी खड़ी थीं, वे भी बारिश के कारण गिर गई हैं, जिससे किसानों की सारी उम्मीदें टूट गई हैं। खेतों में अत्यधिक नमी और कीचड़ के कारण फसल निकालने के लिए वाहनों का पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।
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गुणवत्ता और उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा
किसानों ने खलिहान में रखी अपनी फसल को बचाने के लिए तिरपाल का सहारा लेने की कोशिश की, लेकिन लगातार और तेज बारिश के सामने यह प्रयास भी विफल साबित हुआ। किसानों को आशंका है कि इस बेमौसम बरसात से न सिर्फ धान की उपज में भारी कमी आएगी, बल्कि बची हुई फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा, जिससे उन्हें बाजार में सही दाम नहीं मिल पाएगा।
रबी की बुवाई भी अटकी
धान की बर्बादी के अलावा, किसानों की चिंता का दूसरा बड़ा कारण रबी की फसलों की बुवाई में हो रही देरी है। खेतों में पानी भरे होने और नमी के कारण किसान अब समय पर गेहूं, चना या अन्य रबी फसलें नहीं बो पा रहे हैं। यह स्थिति विंध्य के अन्नदाताओं के लिए बड़ी आर्थिक चुनौती खड़ी कर रही है। किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द सर्वे कराकर उचित मुआवजे की मांग की है।
