NSUI protests at Rewa APSU: रीवा के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APSU) में व्याप्त अनियमितताओं और हाल ही में घोषित PhD प्रवेश परीक्षा परिणाम में कथित धांधली के विरोध में बुधवार को एनएसयूआई (NSUI) छात्र संगठन ने जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में विश्वविद्यालय का घेराव करते हुए जंगी प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने विश्वविद्यालय प्रबंधन पर सीधा और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में केवल वही लोग पास हुए हैं, जो बीजेपी नेताओं के करीबी हैं और जो बीजेपी नेताओं के जिंदाबाद लगाने का काम करते हैं। 90% से ज्यादा योग्य छात्र-छात्राओं को फेल किया गया क्योंकि उनका कोई जुगाड़ नहीं था। पास सिर्फ उनको किया गया है जो प्रोफेसरों और कुलपति महोदय के रिश्तेदार व करीबी हैं।”
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एनएसयूआई की प्रमुख माँगें
एनएसयूआई ने इस दौरान अपनी तीन प्रमुख माँगें रखीं, जिन पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई। PhD प्रवेश परीक्षा में हुई कथित धांधली की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जाँच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। संबल, मेधावी और स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थियों से सत्र के आखिर में फीस वापसी का वादा कर ली गई फीस को शीघ्र वापस किया जाए, जो कि वर्षों से लंबित है। विश्वविद्यालय में नियुक्त उन प्राध्यापकों की जाँच की जाए जिनके पास PhD या यूजीसी नेट (UGC NET) की योग्यता नहीं है, और अयोग्य नियुक्तियों पर सुधारात्मक कदम उठाए जाएँ।

लाठीचार्ज और गिरफ्तारी
पंकज उपाध्याय ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ता विश्वविद्यालय परिसर का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस बल का उपयोग कर छात्रों को परिसर तक पहुँचने से पहले ही रोक दिया। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के दौरान पुलिस ने छात्रों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज भी किया गया। इस कार्रवाई में जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय, प्रदेश सह सचिव निकिता शर्मा, जिला उपाध्यक्ष सत्यम मिश्रा, आर्यन सिंह, हरिओम कुशवाहा, और रीवा विधानसभा अध्यक्ष संस्कार त्रिपाठी सहित सैकड़ों छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।

आंदोलन और होगा उग्र
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया है कि “यह आवाज इतने में रुकने वाली नहीं है।” जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने चेतावनी दी कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शीघ्र और ठोस कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा, और दस दिन के भीतर फिर से बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में टीआरएस कॉलेज इकाई अध्यक्ष नित्कर्ष मिश्रा, सागर प्यासी, सनी रॉय, अमन द्विवेदी, बलराम तिवारी, मोहित शुक्ला, संजीव शुक्ला, अजय सिंह आदि सैकड़ों छात्र नेता मौजूद रहे। इस प्रदर्शन और धांधली के आरोपों पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय प्रबंधन का आधिकारिक पक्ष जानना आपके लिए उपयोगी हो सकता है। क्या आप चाहेंगे कि मैं विश्वविद्यालय के प्रतिक्रिया के बारे में खोज करूँ?
