रीवा-मऊगंज की आठों विधानसभा के कांग्रेस कैंडिडेट्स के बारे में जानें सब कुछ

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Congress Candidates in Rewa: कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. सेकंड लिस्ट जारी होते ही रीवा-मऊगंज के सभी उम्मीदवारों के नाम सामने आ गए हैं.

MP Congress Second List: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सेकंड लिस्ट जारी कर दी है. कांग्रेस की दूसरी लिस्ट नवरात्री के पांचवें दिन आई. जिसमे रीवा-मऊगंज के 4 उम्मीदवारों के नाम हैं. कांग्रेस की इस लिस्ट में कई चौंकाने वाले नाम शामिल हैं. सेमरिया से भारी विरोध के बाद भी अभय मिश्रा को टिकट दिया गया है. वहीं देवतालाब विधानसभा क्षेत्र से पद्मेश गौतम को चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी यहां पहले से ही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को चुनावी रण में उतार चुकी है. देवतालाब में अब BJP vs Congress की नहीं चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई है.

रीवा विधानसभा

वर्ष 2008 में विधानसभा और 2009 में मेयर का चुनाव हार चुके इंजीनियर राजेंद्र शर्मा को कांग्रेस ने एक भी फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. राजेंद्र शर्मा- दिग्विजय सिंह के काफी करीब माने जाते हैं. यही वजह है कि बार-बार हारने के बाद भी उनको टिकट मिल रही है. 2018 के विधानसभा परिणाम की बात करे तो भाजपा से राजेंद्र शुक्ल को 69806, कांग्रेस के अभय मिश्रा को 51717 वोट मिले थे.

मऊगंज विधानसभा

मऊगंज विधानसभा से कांग्रेस ने सुखेन्द्र सिंह बन्ना (Sukhendra Singh Banna ) को अपना उम्मीदवार बनाया है. इनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1995 में जिला युथ कांग्रेस उपाध्यक्ष से हुई, 2008 में जिला सहकारी बैंक रीवा के अध्यक्ष भी रहे. 2010 में जिला युथ कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया. पहली बार 2013 में विधानसभा के लिए चुने गए. 2018 में बीजेपी के प्रदीप पटेल से चुनाव हार गए थे. कोंग्रेस के बड़े चेहरे हैं, पिछली बार बहुत कम अंतर से हारे थे. पिछले चुनाव में प्रदीप पटेल को 47753 वोट तो सुखेन्द्र सिंह बनना को 36661 वोट मिले थे.

मनगवां विधनसभा

मनगवां विधासभा क्षेत्र से कांग्रेस ने बबिता साकेत को अपना उम्मीदवार बनाया है. बबिता वर्ष 2010 से 2015 के बीच रीवा जिला पंचायत की अध्यक्ष रहीं हैं. राजनीति की शुरुआत इनकी बसपा से हुई. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की सदस्यता ली और चुनाव भी लड़ा लेकिन भाजपा के पंचुलाल प्रजापति से चुनाव हार गईं थीं. बबिता साकेत को टिकट मिलने की वजह पिछली विधानसभा चुनाव में भाजपा के पंचुलाल कोकड़ी टक्कर देना है. पिछली विधानसभा चुनाव का परिणाम ऐसा रहा पंचुलाल प्रजापति को 64488 वोट मिले थे वहीं बबिता साकेत को 45958 वोट मिले।

त्योंथर विधानसभा

रमाशंकर पटेल को त्योंथर विधानसभा से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है. रमाशंकर 2013 और 2018 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव हार चुकें हैं. हार का अंतर लगातार काम होने की वजह से और जातीय समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस ने रमाशंकर पर भरोसा दिखाया है. पिता राम लखन सिंह त्योंथर सीट से जनता दाल के विधायक रहें हैं. पिछली विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता श्याम लाल द्विवेदी को 52729 तो कांग्रेस रमाशंकर पटेल को 47386 वोट मिले थे.

गुढ़ विधानसभा

कपिध्वज सिंह का परिवार रीवा में ताला हाउस के नाम से मशहूर है. वे वर्ष 2013 में निर्दलीय चुनाव लड़े और इन्हे 25 हजार से ज्यादा वोट मिले। 2018 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट से चिनाव लड़े लेकिन सेकंड पोजीशन में रहे. अभी कुछ समय पहले ही इन्होने कांग्रेस का दामन थामा है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नागेंद्र सिंह को 42569 वोट वहीं कपिध्वज सिंह को 34741 वोट मिले थे.

सिरमौर विधानसभा

कोंग्रेस ने रामगरीब वनवासी को सिरमौर विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है. रामगरीब वनवासी 1998 से 2013 तक लगातार त्योंथर विधानसभा से चुनाव लड़े. वे 2008 में बसपा से पहली बार विधायक बने. हाल ही में कांग्रेस का दामन थामा है. अब उन्हें कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. पिछली चुनाव में बीजेपी के दिव्यराज सिंह को 49443 और कांग्रेस नेत्री अरुणा विवेक तिवारी को 36042 वोट मिले थे।

सेमरिया विधानसभा

अभय मिश्रा को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. सेमरिया सीट बीजेपी से 2008 में विधायक बने. 2013 में इनकी पत्नी नीलम मिश्रा बीजेपी से विधायक चुनी गईं. 2015 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर रीवा जिला अध्यक्ष बने. हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पिछले चुनाव का परिणाम बीजेपी के केपी त्रिपाठी को 47889 और कांग्रेस त्रियुगी नारायण शुक्ल को 40113 वोट मिले थे.

देवतालाब विधानसभा

पद्मेश गौतम 2022 में जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य चुन कर आये. पद्मेश को हराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन जीत नहीं मिली। उन्हें चुनाव हराकर पद्मेश गौतम जिला पंचायत सदस्य बने. पिछले चुनाव में इस सीट से बीजेपी नेता गिरीश गौतम को 45043 और बहुजन पार्टी की सीमा जयवीर सिंह को 43963 वोट मिले थे.

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