जुबान के पक्के नहीं निकले फूल सिंह बरैया, हार के बाद भी मुंह नहीं किया काला

baraiya-

कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया 7 दिसंबर को वादा निभाने और अपना मुंह काला करने राजभवन पहुंचे। लेकिन पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने बरैया के माथे पर काला टीका लगाया। उसके बाद उनके समर्थकों ने गाल पर हल्की कालिख पोती।

मध्यप्रदेश की राजधानी में 7 दिसंबर को बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला। यहां कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया अपना मुंह काला करने राजभवन पहुंचे थे. उनके साथ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और कई समर्थक भी मौजूद थे. लेकिन बरैया अपना वादा पूरा करते उससे पहले ही सिंह ने उन्हें रोक दिया। बाद में दिग्विजय ने उनके माथे पर काला टीका लगाया, और समर्थकों ने गालों पर गुलाल की तरह कालिख लगाई। इतना ही नहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईवीएम की फोटो पर कालिख पोत दी.

पूरे घटनाक्रम पर बरैया ने कहा कि मेरे पास वोट का कैलकुलेशन है. यदि फेयर इलेक्शन हो जाए, तो बीजेपी प्रदेश में 50 सीट भी नहीं पाएगी। इसीलिए मैंने चुनाव के पहले भी यही कहा था कि 50 सीट भी नहीं जीत पाएगी। भाजपा ने ईवीएम के जरिए कांग्रेस की सरकार लूट ली. मैं अपने वचन पर कायम हूं.

https://twitter.com/neha_bisht12/status/1732706721393521019

बता दें कि बरैया के मुंह काला करने से पहले रोशनपुरा चौराहे पर पुलिस ने बेरिकेटिंग कर दी थी. इस दौरान बरैया के समर्थक ईवीएम को बैन करने की मांग को लेकर हाथों में तख्तियां भी लिए हुए थे. बरैया ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए लहू से मुंह लाल भी करा सकता हूं. बैलेट पेपर में 90 फीसदी वोट भी मिले। ईवीएम में हारे। भाजपा ने वोट और नोट का चुनाव बना दिया। हमें ईवीएम पर भरोसा नहीं है. हार का कारण ईवीएम है. बाय इलेक्शन में नरोत्तम मिश्रा ने मुझे गाली देकर चुनाव अभियान शुरू किया था. लोकतंत्र का गला घोंटा, इसीलिए मैंने ठान लिया था कि उन्हें चुनाव हराऊंगा और मैंने उन्हें चुनाव हरवा दिया।

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस का मुंह कबसे काला है

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने बरैया पर तंज कस्ते हुए कहा कि कांग्रेस का मुंह तो कब से काला है, लेकिन इनको अभी समझ आया है. विज ने कहा कि आजाद हिन्दुस्तान में जो काम इन्होंने किए हैं, वह मुंह काला करने वाले ही हैं. इतना ही उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के कई नेता भारत को दो टुकड़ों में देखना चाहते हैं. इसीलिए अनेक संविधान की बात करते हैं.

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