US Federal court on Trump tariff : अमेरिकी संघीय न्यायालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ आदेश को पलट दिया है, जिसने पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया है। इससे राष्ट्रपति ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। संघीय न्यायालय ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पांच प्रमुख टैरिफ कार्यकारी आदेशों को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। न्यायालय ने कहा कि इन आदेशों के तहत लगाए गए टैरिफ राष्ट्रपति की शक्तियों से परे थे और इन्हें लागू करने के लिए कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता थी। संघीय न्यायालय के इस फैसले से व्हाइट हाउस भी खफा है।
न्यायालय ने क्या फैसला सुनाया। US Federal court on Trump tariff
संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने 1977 के अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) का दुरुपयोग करके व्यापक टैरिफ लगाए थे, जो राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्तियों से परे थे। न्यायालय ने यह भी कहा कि व्यापार घाटे को ‘असामान्य और असाधारण खतरा’ मानने का ट्रंप प्रशासन का तर्क कानूनी रूप से उचित नहीं था। न्यायालय के इस फैसले से जहां दुनिया के तमाम देशों में जश्न का माहौल है, वहीं व्हाइट हाउस को बड़ा झटका लगा है।
अब व्हाइट हाउस का कदम क्या होगा।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने अदालत के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ‘स्पष्ट रूप से गलत’ बताया और कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक आपातकाल की स्थिति को नजरअंदाज करता है। उन्होंने कहा, “हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे और इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाने पर विचार कर रहे हैं।” संघीय अदालत के इस फैसले ने राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ योजनाओं को ध्वस्त कर दिया है, जिसकी वजह से दुनिया में सबसे बड़ा व्यापार युद्ध शुरू हो गया था।
टैरिफ तुरंत हटाने का आदेश। US Federal court on Trump tariff
अदालत ने आदेश दिया कि ट्रंप के आदेशों के तहत लगाए गए टैरिफ तुरंत प्रभाव से हटाए जाएं। अदालत ने अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा विभाग को इन टैरिफ के तहत कोई शुल्क नहीं वसूलने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति को कांग्रेस से स्पष्ट अनुमति मिलने के बाद ही टैरिफ लगाने का अधिकार हो सकता है। लेकिन ट्रंप ने कांग्रेस से अनुमति नहीं ली।
अमेरिकी व्यापार जगत को राहत | US Federal court on Trump tariff
इस फैसले के बाद अमेरिकी व्यापार जगत में राहत की लहर है। छोटे व्यवसायों और व्यापार संघों ने न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत किया है, क्योंकि ट्रंप के टैरिफ के कारण आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, लागत में वृद्धि और व्यापारिक साझेदारों के साथ तनाव की स्थिति पैदा हुई थी। अब इसमें कमी आने की उम्मीद है।
यदि निर्णय बरकरार रखा जाता है तो क्या होगा?
व्हाइट हाउस संघीय न्यायालय के इस निर्णय के विरुद्ध अपील करने की योजना बना रहा है, लेकिन यदि यह निर्णय बरकरार रखा जाता है, तो ट्रंप प्रशासन को भविष्य में टैरिफ लगाने के लिए अन्य कानूनी प्रावधानों का सहारा लेना पड़ेगा, जैसे कि 1974 के व्यापार अधिनियम की धारा 301। इसके तहत वह कांग्रेस की मंजूरी से टैरिफ पर कई निर्णय ले सकेगा।
इस निर्णय का क्या अर्थ है? US Federal court on Trump tariff
न्यायालय का यह निर्णय अमेरिकी संविधान में निर्धारित शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत को मजबूत करता है और यह स्पष्ट करता है कि व्यापार नीति निर्माण में राष्ट्रपति की शक्तियाँ सीमित हैं। न्यायालय का यह निर्णय अब ट्रंप को अन्य निर्णय भी सावधानी से लेने के लिए बाध्य करेगा। अपने दूसरे कार्यकाल में ट्रंप लगातार विवादास्पद निर्णय ले रहे हैं, जिससे दुनिया भर में हलचल मची हुई है।
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