Chief Minister Dr. Mohan Yadav news: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है और यहां बाघ, तेंदुए, गिद्ध, किंग कोबरा और चीतों की संख्या सर्वाधिक है। इनके संरक्षण के लिए संभागीय स्तर पर रेस्क्यू सेंटर स्थापित करना आवश्यक है। वर्तमान में केवल भोपाल के वन विहार में रेस्क्यू सेंटर है।
मध्य प्रदेश में वन्य प्राणियों के उपचार और संरक्षण के लिए संभागीय स्तर पर रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की योजना के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुजरात के जामनगर में अंबानी ग्रुप के वनतारा वन्य जीव केंद्र का दौरा किया। उन्होंने बताया कि यह देश का सर्वश्रेष्ठ रेस्क्यू सेंटर है, जिसका अध्ययन मध्य प्रदेश के वन अधिकारियों की टीम पहले ही कर चुकी है। इस दौरे का उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा और देखभाल के लिए बेहतर प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करना था।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है और यहां बाघ, तेंदुए, गिद्ध, किंग कोबरा और चीतों की संख्या सर्वाधिक है। इनके संरक्षण के लिए संभागीय स्तर पर रेस्क्यू सेंटर स्थापित करना आवश्यक है। वर्तमान में केवल भोपाल के वन विहार में रेस्क्यू सेंटर है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिड़ियाघरों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है। पिछले बजट में दो नए चिड़ियाघरों की घोषणा की गई थी और इस दिशा में नए फैसले लेने पर विचार किया जा रहा है।
वन्य जीव संरक्षण के लिए बड़े फैसले जल्द
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में वनतारा रेस्क्यू सेंटर के मॉडल के आधार पर रेस्क्यू सेंटर विकसित करने पर ध्यान दिया जा रहा है। वन्य जीवों के लिए विशेष वन चिकित्सकों की नियुक्ति और विश्वविद्यालयों में वेटरनरी हॉस्पिटल व कोर्स शुरू करने की योजना है। घायल वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन और वन अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास में बदलाव न हो, इसके लिए रेस्क्यू सेंटर उनके मूल क्षेत्रों के नजदीक बनाए जाएंगे। मध्य प्रदेश में घड़ियाल, चीते और अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए गांधी सागर में चीता पार्क विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों के हित में जल्द ही बड़े फैसले लिए जाएंगे।