Singh Sankranti 2025: ग्रहों के राजा सूर्य बदलने जा रहे राशि, सिंह संक्राति के चलते इन्हे रहना होगा ALERT

Singh Sankranti 2025 I

Singh Sankranti 2025 In Hindi, Sankranti In August 2025 । ग्रहों का राशि परिवर्तन एक चक्र है और वे समय-समय पर बदलाव करते है। जब भी ग्रह दूसरी राशि में प्रवेश करते है तो इससे कई लोगो को लाभ होता है, बहुत से लोगो को नुकसानी भी उठानी पड़ जाती है। ऐसे लोगो को सचेत रहने एवं जरूरी उपाए करने की सलाह ज्योतिषविद्र देते हैं।

सूर्य देव बदलने जा रहे ग्रह

ज्योतिषविद्रों के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में 17 अगस्त 2025 को प्रवेश करने जा रहे है। इसे सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का यह राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। ऐसे में इन राशि वालों को सचेत रहना होगा।

मिथुन राशि

इस राशि के जातकों को अपनी वाणी पर नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है। बेवजह के वाद-विवाद से बचें, क्योंकि इससे रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है। स्वास्थ्य के मामले में भी सावधान रहें और छोटी-मोटी समस्याओं को नजरअंदाज न करें। आर्थिक लेन-देन में भी सावधानी बरतें।

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को करियर और व्यापार में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध खराब हो सकते हैं। इस दौरान किसी भी महत्वपूर्ण फैसले को लेने से पहले अच्छी तरह सोच-विचार कर लें। अनावश्यक खर्चों पर नियंत्रण रखना भी जरूरी होगा।

धनु राशि

इस राशि के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। पिता या पिता तुल्य व्यक्तियों के साथ मतभेद हो सकते हैं। नौकरी पेशा लोगों को कार्यस्थल पर अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ सकता है। अपनी योजनाओं को लेकर सतर्क रहें और किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा न करें।

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पिता और परिवार के बुजुर्गों का सम्मान करें

सिंह संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके अलावा, आप इस दिन गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इससे सूर्य का अशुभ प्रभाव कम होगा।

अगर आपकी राशि इन राशियों में से है तो सिंह संक्रांति के दिन अपने पिता और परिवार के बुजुर्गों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें। तांबे के बर्तन, गेहूं या गुड़ का दान करना भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

इसके अलावा, आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं या फिर सूर्य चालीसा भी पढ़ सकते हैं। यह आर्टिकल सामान्य जानकारी पर आधारित है। शब्द सॉची इसमें कोई भी दावा नही करता है।

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