शशि थरूर ने पीएम मोदी को बताया प्राइम एसेट, अब क्या करेगी कांग्रेस?

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Shashi Tharoor about PM Modi: शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता को वैश्विक स्तर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण पूंजी बताया है। थरूर ने यह बात अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में प्रकाशित अपने लेख में कही। उन्होंने इस पूंजी को और अधिक सहयोग और समर्थन देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ऊर्जा, उनके बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता को वैश्विक स्तर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण पूंजी बताया है। थरूर ने यह बात अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ में प्रकाशित अपने लेख में कही। उन्होंने इस पूंजी को और अधिक सहयोग और समर्थन देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। हाल ही में, थरूर ने भारतीय सांसदों के एक डेलिगेशन के साथ अमेरिका सहित कई देशों का दौरा किया, जहां उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत का पक्ष दृढ़ता से दुनिया के सामने रखा। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठा रही है।

थरूर ने पीएम मोदी के व्यक्तित्व को बताया प्राइम एसेट

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने लेख में लिखा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के बाद किया गया राजनयिक संपर्क राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का एक महत्वपूर्ण क्षण था। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक अहम पूंजी बनी हुई है, लेकिन इसे और अधिक समर्थन की जरूरत है।” बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद थरूर ने विभिन्न देशों में भारत का रुख स्पष्ट किया।

डेलिगेशन का कूटनीतिक संपर्क रहा महत्वपूर्ण

थरूर ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर के बाद राजनयिक संपर्क ने राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का उदाहरण पेश किया। इसने साबित किया कि भारत एकजुट होकर अपनी आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्टता और दृढ़ विश्वास के साथ रख सकता है।” अपने लेख में थरूर ने उल्लेख किया कि 22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत की दृढ़ प्रतिक्रिया ने देश की विदेश नीति के लिए एक मजबूत पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “तत्काल सैन्य कार्रवाई निर्णायक थी, लेकिन उसके बाद का कूटनीतिक संपर्क वैश्विक धारणाओं को आकार देने और अंतरराष्ट्रीय समर्थन को मजबूत करने में उतना ही, यदि अधिक नहीं तो, महत्वपूर्ण था।”

मोदी सरकार की विदेश नीति पर कांग्रेस की असहजता

थरूर ने आगे कहा, “पश्चिमी गोलार्ध के पांच देशों—गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका—में सात सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व करने का अवसर मिलने से मुझे सार्वजनिक कूटनीति के इस गहन दौर से सीखे गए सबक पर विचार करने का अनूठा मौका मिला।” हालांकि, थरूर का यह बयान कांग्रेस पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है। कांग्रेस इन दिनों मोदी सरकार की विदेश नीति की आलोचना कर रही है और आरोप लगा रही है कि भारतीय कूटनीति कमजोर हो गई है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ गया है। ऐसे में, कांग्रेस सांसद थरूर के इस बयान से पार्टी और उनके बीच तनाव और बढ़ सकता है।

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