Pakistan Army Major Moiz Abbas Shah Killed: पाकिस्तानी सेना के मेजर सैयद मोइज अब्बास शाह (Major Moiz Abbas Shah) को मंगलवार, 24 जून 2025 को दक्षिण वजीरिस्तान के सरारोघा क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP Attack) के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया। 37 वर्षीय मेजर शाह, जो पंजाब के चकवाल क रहने वाला था, पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का अधिकारी था। वे 2019 में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन (तत्कालीन विंग कमांडर) अभिनंदन वर्धमान (Abhinandan Varthaman Capture) को हिरासत में लेने का दावा करने के लिए चर्चा में आया था. इस ऑपरेशन में जिब्रानुल्लाह (Lance Naik Jibranullah) भी मारा गया।
मुठभेड़ का विवरण
पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (ISPR) के अनुसार, यह खुफिया आधारित ऑपरेशन (Intelligence-Based Operation) टीटीपी आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर शुरू हुआ था। मुठभेड़ में 11 लड़ाकों को मार गिराया गया और सात घायल हुए। भारी गोलीबारी में मेजर शाह और जिब्रानुल्लाह मारा गया। पाकिस्तान ने इन लड़ाकों को “भारत-प्रायोजित ख्वारिज” (Fitna al-Khawarij) करार दिया, जो टीटीपी का आधिकारिक नाम है (TTP Khwariji Label)। ऑपरेशन के बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।
अभिनंदन प्रकरण और मेजर शाह की भूमिका
मेजर मोइज शाह 2019 में तब सुर्खियों में आया, जब उसने भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान को हिरासत में लेने का दावा किया। 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के जवाब में भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला (Balakot Airstrike) किया था। अगले दिन, 27 फरवरी को, भारत-पाकिस्तान के बीच हवाई झड़प में अभिनंदन का मिग-21 बाइसन (MiG-21 Bison) गिर गया, और वे पाकिस्तान प्रशासित क्षेत्र में उतरे। मेजर शाह ने अपनी SSG टीम के साथ अभिनंदन को हिरासत में लिया। भारत के कूटनीतिक दबाव के बाद अभिनंदन को दो दिन बाद वाघा बॉर्डर पर रिहा किया गया.
पाकिस्तान में टीटीपी की बढ़ती हिंसा
टीटीपी ने 2007 में इस्लामाबाद के लाल मस्जिद ऑपरेशन (Lal Masjid Operation) के बाद से अपनी गतिविधियाँ तेज कीं। नवंबर 2022 में सरकार के साथ संघर्षविराम खत्म होने के बाद से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी हमले बढ़ गए हैं (TTP Violence Surge)। टीटीपी अब पाकिस्तानी सेना और नागरिकों को निशाना बना रही है, जिसे पाकिस्तान “भारत-प्रायोजित आतंकवाद” कहता है। इस मुठभेड़ में मेजर शाह की मौत को पाकिस्तान ने राष्ट्रीय नुकसान बताया, और उनके अंतिम संस्कार में चकलाला गैरिसन में भारी भीड़ उमड़ी।