Rajnath Singh SCO Summit 2025: जयशंकर ने न्यूज एजेंसीज से बातचीत में कहा, ‘SCO का एक देश चाहता था कि संयुक्त बयान में आतंकवाद का कोई जिक्र न हो। वो देश कौन है, आप अंदाजा लगा सकते हैं। जबकि यह संगठन खुद आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से बनाया गया था। ‘ जयशंकर ने कहा, भारत का यह कदम केवल एक कूटनीतिक विरोध नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सिद्धांतों की रक्षा का प्रतीक था।
Rajnath Singh SCO Summit 2025: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने का समर्थन किया। जयशंकर ने न्यूज एजेंसीज से बातचीत में कहा, ‘SCO का एक देश चाहता था कि संयुक्त बयान में आतंकवाद का कोई जिक्र न हो। वो देश कौन है, आप अंदाजा लगा सकते हैं। जबकि यह संगठन खुद आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से बनाया गया था। ‘ जयशंकर ने कहा, भारत का यह कदम केवल एक कूटनीतिक विरोध नहीं था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सिद्धांतों की रक्षा का प्रतीक था। आतंकवाद और शांति एक साथ नहीं चल सकते।
जयशंकर बोले- एक परिवार राष्ट्र से ऊपर
जयशंकर शुक्रवार को दिल्ली में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। जयशंकर ने कहा, ‘यह सब एक परिवार की वजह से हुआ। ‘किस्सा कुर्सी का’ नाम की एक फिल्म है, और ये तीन शब्द आपातकाल लागू करने के पीछे की वजह को बखूबी बताते हैं। जब एक परिवार को राष्ट्र से ऊपर माना जाता है, तो आपातकाल जैसी चीजें होती हैं।’
क्या है SCO में स्टेटमेंट से जुड़ा विवाद?
चीन के किंगदाओ में गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई। इसमें भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, दोनों शामिल हुए थे। हालांकि, राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं की।उन्होंने SCO के जॉइंट स्टेटमेंट पर साइन करने से भी इनकार कर दिया। क्योंकि उसमें जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को शामिल नहीं किया गया था, जबकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई आतंकी घटना का जिक्र था। भारत ने इससे नाराजगी जाहिर की।
राजनाथ सिंह ने बैठक में कहा, ‘कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी नीति मानते हैं। वे आतंकवादियों को पनाह देते हैं। फिर इसे इनकार करते हैं। ऐसे डबल स्टैंडर्ड के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें समझना होगा कि अब आतंकवाद के एपिसेंटर सेफ नहीं हैं।’
विदेश मंत्रालय बोला- एक खास देश को यह बात मंजूर नहीं थी
दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की दो दिन चली बैठक में सभी देश एक साथ मिलकर साझा बयान पर सहमत नहीं हो सके, इसलिए उस दस्तावेज को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत चाहता था कि इस बयान में आतंकवाद और उससे जुड़ी चिंताओं को साफ तौर पर शामिल किया जाए, लेकिन एक खास देश को यह बात मंजूर नहीं थी।
भारत के रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में सभी 11 देशों से आतंकवाद के हर रूप और तरीके के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की अपील की। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग आतंकवाद फैलाते हैं, चाहे वे सीमा पार से हमला कराएं, पैसा दें, समर्थन करें या उसका आयोजन करें, उन्हें सजा मिलनी चाहिए और कानून के सामने लाया जाना चाहिए।
SCO क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर की थी। बाद में भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके सदस्य बने और 2023 में ईरान भी सदस्य बन गया। SCO का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ाना है। संगठन आतंकवाद, उग्रवाद, ड्रग तस्करी और साइबर अपराध जैसे मुद्दों पर साझा रणनीति बनाता है।