Delhi AQI update today: दिल्ली NCR की हवा जानलेवा होती जा रही है. दिल्ली की आबोहवा में प्रदुषण का स्तर इतना खतरनाक है कि राजधानी में सांस लेना मतलब की 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदायक है.
Delhi air quality today: राजधानी दिल्ली NCR की हवा जानलेवा होती जा रही है. दिल्ली की आबोहवा में प्रदुषण का स्तर इतना खतरनाक है कि राजधानी में सांस लेना मतलब की 20 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदायक है. पुरे दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality in Delhi) 8 नवंबर को दुवारा गंभीर कैटेगरी में पहुंच गई है. इससे एक दिन पहले यानि 7 नवंबर को Air Quality में कुछ सुधार देखा गया था. इससे पहले यहां की हवा वेरी पुअर कैटेगरी में थी, लेकिन एक बार फिर यहां वायु प्रदुषण फिर तेजी से बढ़ा है. जिसके चलते वायु गुणवत्ता वापस निचे गिरकर ‘गंभीर’ कैटेगरी में पहुंच गई है.
बर्कले अर्थ कजे दो वैज्ञानिक रिचर्ड मुलर और उनकी बेटी एलिज़ाबेथ मुलर ने वर्ष 2015 में वायु प्रदुषण (particulate matter2.5) के स्वास्थ्य पर असर को सिगरेट पीने से होने वाले असर की तुलना करने का फार्मूला निकाला था. दोनों वैज्ञानिक के अनुसार, एक सिगरेट एक दिन में 21.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के वायु प्रदुषण के बराबर हानिकारक है. particulate matter 2.5 आकंड़ों के औसत और सिगरेट की संख्या प्राप्त करने के लिए इसे 21.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से डिवाइड करते हैं. इस हिसाब से दिल्ली के कई इलाकों का 450 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर वायु प्रदुषण दिन में 20 सिगरेट पीने के बराबर हैं.
जान जाने का खतरा अधिक
एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक स्टडी में पाया गया है कि दिमाग के दौरे से मरने वालों में 11 प्रतिशत मरीज स्मोक करने वाले होते हैं. स्टडी के मुताबिक जो एक दिन में 20 या इससे ज्यादा सिगरेट या बीड़ी पीते हैं. उनमे दिमागी दौरे पड़ने की संभावना न पीने वालों से डेढ़ गुना अधिक होती है. लम्बे समय तक एक दिन 20 से ज्यादा सिगरेट पीना स्वस्थ व्यक्ति को भी बीमार कर सकता है. सांस और दिल की बिमारियों के मरीजों के लिए तो यह जानलेवा साबित हो सकता है.
हृदयघात का भी खतरा
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लंदन के रिसर्च के मुताबिक, अगर कोई 20 की बजाए हर रोज एक सिगरेट पीटा है तो हम सोचते है कि हमें खतरा 5 फीसदी ही है, लेकिन यह सिर्फ फेफड़ों के कैंसर के लिए सही है. हृदयघात के मामले में एक पैकेट की तुलना में एक सिगरेट से जोखिम महज 50 फीसदी ही कम हैं.
बरतें ये सावधानियां
डॉक्टर ने कहा कि ब्रोंकाइटिस, अस्थमा या फेफड़ों के मरीजों के लिए इस समय बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करना जरूरी है. बुजुर्ग और शुगर या कैंसर के मरीजों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना है. उन्होंने शाम की सैर न करने की भी सलाह दी. डॉक्टर ने कहा कि लोगों को हरियाली वाली जगहों पर सुबह की सैर का विकल्प चुनना चाहिए
ऐसा ही रहा तो हवा भी खरीदनी पड़ जाएगी
आज दिल्ली में जैस स्तिथि बानी हुई है उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में साफ हवा भी खरीदनी पड़ेगी और चुनावों में सरकारें आपसे साफ हवा देने का वादा नहीं करेगी बल्कि जो साफ हवा आप खरीदेंगे, उस पर सब्सिडी देने के बड़े-बड़े ऐलान सरकार द्वारा किए जायेंगे। भाई साहब मैं कोई काल्पनिक बातें नहीं कर रहा हूँ. ये सच में हो सकता है और ये गंभीर इसलिए है क्योंकि, हर साल दूषित वायु की वजह से लाखो लोगों की मौत हो रही है. वातावरण को स्वच्छ रखना सरकार बस का काम नहीं है हमारा आपका यानि हम सब का दायित्व है कि हम अपने आसपास सफाई रखे ये हम सब का कर्त्तव्य है.