Gwalior High Court Advocate Anil Mishra Congress Connection: मध्य प्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच में डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar Statue) की प्रतिमा लगाने के प्रस्ताव का विरोध करने वाले प्रमुख वकील अनिल मिश्रा (Advocate Anil Mishra Congress Connection) के कांग्रेसी होने का खुलासा हुआ है।
मिश्रा, जो शहर जिला कांग्रेस कमेटी ग्वालियर (Advocate Anil Mishra Member Of Gwalior District Congress Committee) के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, अब इस विवाद के केंद्र में हैं। फरवरी 2025 से चले आ रहे इस विवाद में एक तरफ दलित और पिछड़े वर्ग के वकील प्रतिमा लगाने की मांग कर रहे हैं, वहीं मिश्रा जैसे वकील इसे राष्ट्रीय ध्वज स्थल पर लगाने का विरोध कर रहे हैं। क्या मिश्रा का कांग्रेसी बैकग्राउंड विवाद को नया मोड़ देगा, या यह जातिगत राजनीति का खेल है?
फरवरी 2025 में ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच के कुछ वकीलों ने अंबेडकर की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसे रजिस्ट्रार ने 21 अप्रैल को मंजूरी दी। रजिस्ट्रार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट में पहले से अंबेडकर की प्रतिमा लगी है, विरोधियों को नजरअंदाज कर काम पूरा करें।” लेकिन अप्रैल से विरोध शुरू हो गया। अनिल मिश्रा जैसे वकीलों ने दावा किया कि जगह राष्ट्रीय ध्वज के लिए आरक्षित है। मिश्रा ने कहा, “यह निजी संपत्ति नहीं है। अगर अनुमति दें तो मैं 90% वकीलों के साथ भगवान राम की प्रतिमा भी लगाऊंगा।” उन्होंने मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैट (Justice Suresh Kumar Kait) पर पक्षपात का भी आरोप लगाया।विवाद जून 2025 में तेज हुआ, जब कांग्रेसी नेता जितु पटवारी (Jitu Patwari MP Congress) ने मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस ने 23-25 जून को तीन दिवसीय अभियान चलाया, जिसमें दरवाजा-दरवाजा प्रचार, संविधान पर चर्चा और धरना शामिल था। दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा, “यह संविधान और सामाजिक न्याय की लड़ाई है।
अनिल मिश्रा का कांग्रेसी कनेक्शन: पूर्व अध्यक्ष का खुलासा
अनिल मिश्रा, जो ग्वालियर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य हैं, और दावा है कि शहर जिला कांग्रेस कमेटी ग्वालियर के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। 2018-2020 के बीच उन्होंने कांग्रेस के स्थानीय संगठन को मजबूत किया, लेकिन 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के BJP में जाने के बाद कई कांग्रेसी प्रभावित हुए। मिश्रा ने बाद में राजनीति से दूरी बना ली, लेकिन उनका कांग्रेसी बैकग्राउंड अब विवादास्पद हो गया। विपक्ष ने कहा, “मिश्रा का विरोध कांग्रेसी होने के बावजूद अंबेडकर विचारधारा के खिलाफ है, जो पार्टी के लिए शर्मनाक है।” मिश्रा ने सफाई दी, “यह व्यक्तिगत राय है, पार्टी से जुड़ा नहीं।
9 अक्टूबर 2025 को अनिल मिश्रा के खिलाफ अंबेडकर के अपमान के आरोप में FIR दर्ज हुई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक (Pawan Pathak Bar President) ने कहा, “FIR फर्जी शिकायत पर आधारित है, कानूनी रूप से अमान्य।” सैकड़ों वकीलों ने SP और कलेक्टर के पुतले जलाए। अंबेडकर समर्थक वकील विश्वजित रतोनिया (Vishwajit Ratonia) ने कहा, “15-20 लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन हम 85% हैं।” 15 अक्टूबर को दोनों पक्ष बड़े प्रदर्शन की धमकी दे रहे हैं।
