Baikuntha Chaturdashi 2025: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को वैकुंठ चतुर्दशी कहा जाता है। यह चतुर्दशी केवल एक साधारण तिथि नहीं परंतु विष्णु और शिव के संगम का विशिष्ट दिन है। कहा जाता है कि जब भगवान विष्णु ने धरती की बुरी शक्तियों का नाश करना शुरू किया था तब उन्होंने भगवान शिव की उपासना करने का प्रण किया इसीलिए उन्होंने महादेव की नगरी काशी में 1000 कमल अर्पित करने का निश्चय किया।

भगवान विष्णु जब भगवान शिव को 1000 कमल अर्पित कर रहे थे तब आखिरी एक कमल लुप्त हो गया और वह नहीं मिला। तब विष्णु जी ने अपने संकल्प को पूरा करने के लिए अपने नेत्र को शिवजी को अर्पित कर दिया। और शिवजी ने इसी बात से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु को वैकुंठ प्रदान किया। मान्यता है कि भगवान शिव ने ही विष्णु जी के इस भाव से प्रसन्न होकर उन्हें दिव्य अस्त्र शस्त्र और सुदर्शन चक्र प्रदान किया और इसलिए इस दिन को हरि-हर मिलन अर्थात विष्णु और शिव का एकत्व वाला दिवस कहा जाता है। इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय कर लिए गए तो जातक को विष्णु और शिव दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
वैकुंठ चतुर्दशी पूजा विधान और शुभ मुहूर्त
वर्ष 2025 में वैकुंठ चतुर्दशी 4 नवंबर 2025 को मनाई जाने वाली है। इस दिन शिवलिंग पर जल अभिषेक करना, बेल पत्र चढ़ाना, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना ,तुलसी शालिग्राम का विवाह करना इत्यादि का विधान कहा जाता है। हालांकि इस दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए कि शिवजी को गलती से भी तुलसी ना अर्पित की जाए। बल्कि इस दिन यदि शिव जी को कमल अर्पित किया जाता है तो शिव निश्चित ही प्रसन्न होते हैं।
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हरि-हर की कृपा प्राप्त करने के लिए वैकुंठ चतुर्दशी पर करें यह उपाय
हरि- हर का पूजन: वैकुंठ चतुर्दशी के दिन प्रात काल स्नान इत्यादि से निवृत होकर भगवान शिव की पूजा करें तत्पश्चात विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इससे शिव और विष्णु दोनों ही प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव पर करें कमल अर्पित: इस दिन यदि कोई व्यक्ति भगवान शिव पर 1000 कमल अर्पित करता है तो शिव जी और विष्णु जी दोनों ही प्रसन्न होते हैं। संभव हो सके तो कमल अर्पित करते समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें तो शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
दान पुण्य: वैकुंठ चतुर्दशी के दिन गरीब लोगों को अन्न, वस्त्र, दीपक, तेल, तिल, गीता-पुराण इत्यादि दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन जितना संभव हो सके ब्राह्मणों को यथासंभव दान करें।
