Abhyudaya Jain Murder Case Verdict: 14 फरवरी 2025 को अभ्युदय जैन का शव घर के बाथरूम में मिला था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अलका को हत्या का आरोपी मानकर 8 मार्च को गिरफ्तार किया था।17 जून को जिला कोर्ट में जमानत का आदेश पेश होने के बाद अलका की रिहाई हुई।
Abhyudaya Jain Murder Case Verdict: गुना में अपने 14 वर्षीय बेटे अभ्युदय जैन की हत्या के आरोप में जेल में बंद अलका जैन को हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच से जमानत मिल गई है। सोमवार को जमानत की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार, 17 जून 2025 को अलका जेल से रिहा हुईं। 100 दिन जेल में बिताने के बाद रिहाई के समय वह परिवार के सामने फूट-फूटकर रो पड़ीं। अलका ने जेल से निकलते समय महिला प्रहरी को धन्यवाद दिया, लेकिन मीडिया से कोई बात नहीं की।
केस में आए कई मोड़
14 फरवरी 2025 को अभ्युदय जैन का शव घर के बाथरूम में मिला था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर अलका को हत्या का आरोपी मानकर 8 मार्च को गिरफ्तार किया था। कोतवाली थाने में 22 फरवरी को FIR दर्ज हुई थी। अभ्युदय के पिता अनुपम जैन पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे। उनके आवेदन पर डीआईजी अमित सांघी ने शिवपुरी की अजाक डीएसपी अवनीत शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गठित की।
अभ्युदय की मौत फांसी के कारण होने की पुष्टि हुई
एसआईटी ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से मेडिको लीगल राय मांगी, जिसमें अभ्युदय की मौत फांसी के कारण होने की पुष्टि हुई। इसके आधार पर एसआईटी ने अलका को निर्दोष मानते हुए 5 मई को कोर्ट में खारिजी रिपोर्ट पेश की। हालांकि, 9 मई को सीजेएम मधुलिका मुले ने इस रिपोर्ट को खारिज कर हत्या और सबूत छुपाने की धाराओं में संज्ञान लिया और ट्रायल चलाने के आदेश दिए।
जमानत की प्रक्रिया
जिला कोर्ट से खारिजी रिपोर्ट खारिज होने के बाद अलका ने 14 मई को हाई कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया। 5 जून और 9 जून को सुनवाई टलने के बाद 16 जून को हाई कोर्ट ने जमानत मंजूर की। 17 जून को जिला कोर्ट में जमानत का आदेश पेश होने के बाद अलका की रिहाई हुई।
लका को लेने पूरा परिवार पहुंचा
अलका को लेने पूरा परिवार, जिसमें ससुर, सास, भाई, भाभी, जेठ, जेठानी और देवर शामिल थे, जेल के बाहर पहुंचा। मंगलवार शाम करीब 7 बजे अलका हंसते हुए बाहर आईं, लेकिन परिवार से मिलकर भावुक हो गईं।
कोर्ट ने उठाए 13 सवाल
इस केस में कोर्ट ने पुलिस की खारिजी रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए 13 सवाल उठाए। अब ट्रायल के दौरान इन सवालों के जवाब तलाशे जाएंगे। यह मामला गुना में चर्चा का विषय बना हुआ है।