सुब्रत रॉय के निधन के बाद डूब जाएगा निवेशकों का पैसा?

Subhrat Rai

मुंबई में ली आखिरी सांस, कई दिनों से से बीमार थे, आज पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा।

What will happened to the Sahara investors: सहारा इंडिया परिवार के मुखिया और सहाराश्री के नाम मशहूर सुब्रत रॉय का निधन हो गया है. मंगलवार (14 नवंबर) की रात उन्होंने आखिरी साँस ली. गोरखपुर से महज 2000 रूपए में कारोबार शुरू करने वाले सहाराश्री के प्रमुख पर छा जाने के कई किस्से मशहूर हैं. उनके जाने से सहारा परिवार और कारोबार जगत में भी माहौल गमगीन है.

सहारा ग्रुप के प्रबंध कार्यकर्ता और अध्यक्ष सुब्रत रॉय की मौत रात करीब 10.30 बजे दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई। वे कैंसर से जूझ रहे थे। हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रस्त सुब्रतो रॉय को हालत ख़राब होने की वजह से रविवार (12 नवंबर,2023) को मुंबई के कोकिला बेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल और मेडिकल इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था।

गोरखपुर से 1978 में अपने दोस्त एसके नाथ के साथ फाइनेंस कंपनी शुरू करने वाले सहाराश्री तक का सफर करने वाले सुब्रतो राय ने कपड़ों और पंखों की छोटी फैक्ट्री खोली।इस मौके में वो दुकानदारों को छोटी बचत के फायदे गिनाते। यहीं वजह रही कि सहारा की ‘गोल्डेन की’ योजना खासी लोकप्रिय रही। इसके बाद उन्होंने लखनऊ में अपनी अलग कंपनी खोली थी, लेकिन गोरखपुर से उनका हमेशा खास लगाव रहा।

क्या सुब्रत रॉय के निधन के बाद मिलेगा सहारा का पैसा

सुब्रत रॉय के निधन बाद सहारा में आपकी गाढ़ी कमाई के निवेश का क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा ब्याज के साथ लौटाने को कहा था। इसके बाद मोदी सरकार ’सहारा रिफंड पोर्टल’ लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर पैसा वापस पाने के लिए लाखों लोग एप्लीकेशन कर चुके हैं। इसी पोर्टल के जरिए निवेशकों का पैसा वापस मिलेगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री (co-operation) मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी पूर्व में कह चुके हैं कि सहारा निवेशकों का पैसा ब्याज के साथ । बताते चलें कि सेंट्रल गोवेर्मेंट ने 29 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट में था कि सहारा की 4 समितियों के निवेशकों को 9 माह में पैसे लौटा दिए जाएँगे। सुप्रीम कोर्ट में सहारा समूह के निवेशकों को राहत देने की आवेदन केंद्रीय Ministry of Cooperation ने लगाई थी। इस अर्जी के बाद उच्चतम न्यायालय ने ‘सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट’ से 5000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज (CRCS) में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे।

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