Who Will Be CM of Rajasthan: कौन होगा राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री?

Who Will Be CM of Rajasthan

Rajasthan CM Face: राजस्थान की जनता अपने पुराने रिवाज को बरकरार रखा है. भाजपा ने राजस्थान असेम्बली इलेक्शन में भारी बहुमत हासिल की है. ऐसे में चर्चा जोरों शोरों से शुरू हो गई है कि(Rajasthan CM announcement), भगवा दल मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ किसे दिलाएगा? क्या इस बार भी वसुंधरा राजे सिंधिया ही मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगी या फिर भाजपा की तरफ से कोई नया चेहरा राज्य में मुख्यमंत्री के तौर पर उभरकर सामने आएगा। अब तक की चर्चा के हिसाब से वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) का दवा सबसे मजबूत चल रहा है. भाजपा नेतृत्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि 6 महीने के अंदर ही लोकसभा का चुनाव है. ऐसे में वह किसी ऐसे चेहरे पर दांव खेलना चाहेगी जो उससे आने वाले लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिला सके. इसके लिए जातीय समीकरणों को भी साधा जाएगा। भाजपा नेतृत्व ऐसे किसी नेता को नाराज भी नहीं करना चाहेगा, जो लोकसभा में उसके लिए मुसीबत बने.

Rajasthan Elections 2023 CM Candidates Names BJP: विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने के बाद भाजपा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ शुरू हो गई है। अलग-अलग नेता अपने-अपने तरीके से मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा की ओर से दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी वसुंधरा राजे सिंधिया ने आज अपने जयप्रकाश स्थित आवास पर भाजपा विधायकों को लंच और डिनर कराकर यह दिखाने की कोशिश की है कि उनके पास कई विधायकों का समर्थन है। इस तरीके से वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर उन्हें मुख्यमंत्री घोषित करने के लिए दबाव बनाना चाहती हैं। हालांकि, भाजपा के सूत्र बता रहे हैं कि उनकी यह रणनीति फिलहाल काम नहीं करने वाली। पार्टी नेतृत्व पर्याप्त समय लेकर निर्वाचित प्रतिनिधियों से बात करके ही कोई निर्णय लेगा। कि राजस्थान का अगला

वसुंधरा का नाम सबसे ज्यादा मजबूत

Rajasthan cm race: मिल रहे संकेतों के अनुसार से वसुंधरा राजे का नाम ही CM के तौर पर सबसे ज्यादा मजबूती से चल रहा है. वसुंधरा के पास राज्य की कमान संभालने का अनुभव है. साथ ही राज्य के वोटर्स पर उनकी पकड़ भी है. हालांकि भाजपा शीर्ष नेतृत्व वसुंधरा के नाम पर ज्यादा सहमत नहीं है. इसी कारण उन्हें चुनावों की घोषणा के बावजूद शुरुआत में पार्टी के कैंपेन में ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई थी, लेकिन इसका असर पार्टी समर्थकों की भीड़ पर पड़ते देखकर आखिरी पलों में वसुंधरा को एक्टिव किया गया था. पार्टी के पक्ष पर आए एकतरफ़ा रिजल्ट की एक बड़ी वजह वसुंधरा राजे सिंधिया को ही माना जा रहा है. साथ ही राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा ने भी एक्टिव होने से पहले आलाकमान से अपने फ्यूचर को लेकर पक्का वादा लिया है. आलाकमान भी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए फिलहाल शायद ही कोई रिस्क लेना चाहेगा.

दिया कुमारी नेक्सट सीएम?

Rajasthancm: दिया कुमारी (Diya Kumari) के साथ सबसे बड़ा पॉजिटिव पॉइंट उनके साथ जयपुर राजघराने का नाम जुड़ा होना है. बताते चलें कि दिया कुमारी पहले से सांसद हैं. उनका विधानसभा चुनाव में उतरने के साथ ही लोग हवा बनाना शुरू कर दिए थे कि दिया कुमारी राजस्थान की अगली वसुंधरा राजे हो सकती हैं. दिया कुमारी जयपुर जिले की विद्याधर नगर सीट से पहली बार विधायक बन कर आई. यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है. यहां से दिया कुमारी को मैदान में उतारने के लिए भाजपा के मौजूद विधायक नरपत सिंह राजवी की सीट बदल दी गई थी. नरपत सिंह पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के रिश्तेदार भी हैं, जिनके नाम पर भाजपा राजस्थान के कई इलाकों पर वोट मांगती है. ऐसी सीट से दिया कुमारी को उतारने के कारण भी उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा माने जाने की बात को हवा दे रहा है.

फायरब्रांड इमेज बाबा बालकनाथ हो सकते हैं अगले मुख्यमंत्री?

2019 में बीजेपी ने अलवर लोकसभा सीट से चांदनाथ के शिष्य बालकनाथ को ही टिकट दिया। महज 35 साल की उम्र में वो चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से भी अधिक वोटों से मात दी थी। इससे ही वो सियासी गलियारों में मशहूर हुए हैं. बाबा बालकनाथ (Baba Balak Nath) को उनकी हिंदुत्व से जुडी फायर ब्रांड इमेज के लिए राजस्थान का योगी आदित्यनाथ कहा जाता है. वे भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की तरह हर समय भगवा चोले में ही रहते हैं. साथ ही OBC कैटेगरी से आते हैं. जो राजस्थान का सबसे बड़ा वोट बैंक है. यही कारण है उनका नाम मुख्यमंत्री के होड़ में बताया जा रहा है. हालांकि उनके मुख्यमंत्री बनने की राह में विवादों से उनका करीबी नाता रहना बाधा बन सकता है. हाल ही में पुलिस थाने में घुसकर DSP को धमकी देने के कारण वे बेहद विवादों में रहे हैं.

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