आरोप लगाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के DM साहेब की गाड़ी 10 मिनट के लिए एक टोल प्लाजा में खड़ी रही. इससे नाराज अधिकारी ने पुलिस से कहकर नाके के पूरे स्टाफ को गिरफ्तार करवा दिया।
मध्य प्रदेश: मुरैना जिले के कलेक्टर पर एक टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा जा रहा है कि कलेक्टर अंकित अस्थाना की गाड़ी सिर्फ 10 मिनट के लिए टोल नाके में फंसी रही तो उन्होंने पुलिस से कहकर पूरे स्टाफ को ही अंदर करवा दिया। कलेक्टर के कहने पर पुलिस ने टोल प्लाजा के मैनेजर सहित 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। यही आरोप मुरैना पुलिस SP के ऊपर भी लगे हैं. हालांकि पुलिस ने कुछ और ही कहानी बताई है.
मुरैना कलेक्टर के साथ टोल प्लान में क्या हुआ?
मामला 26 सितंबर की रात का है. मुरैना जिले के DM अंकित अस्थाना ग्वालियर से लौट रहे थे. मुरैना आने के कुछ दूर पहले चौंदा टोल प्लाजा पड़ता है. कहा गया कि इस टोल नाके में बहुत सी गाड़ियां कतार में लगी हुई थीं. ऐसे में DM साहेब की गाड़ी में लाइन में लगी रही और उनके बेशकीमती 10 मिनट नाके में इंतजार करते-करते बर्बाद हो गए.
कलेक्टर ने तुरंत मुरैना SP शैलेन्द्र सिंह को फोन घुमाया और SP ने मुरैना सिविल लाइन थाना पुलिस के कुछ कर्मचारियों को टोल प्लाजा भेज दिया। पुलिस ने टोल प्लाजा के मैनेजर समर्थ गर्ग सहित 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें थाने ले जाकर उनके खिलाफ शांति भंग करने की धारा में FIR दर्ज कर दी.
पुलिस क्या बोली?
रिपोर्ट्स की माने तो इस मामले में पुलिस का कुछ और ही कहना है. सिविल लाइन थाने के टॉउन इंस्पेक्टर वीरेश कुशवाहा ने बताया कि जब DM अंकित अष्ठाना टोल प्लाजा के पास पहुंचे तो वहां टैक्स वसूली को लेकर विवाद चल रहा था. विवाद को देखते हुए उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी. टोलकर्मियों को गिरफ्तार करने के बाद उन्हें SDM कोर्ट में पेश किया गया और वहीं से उन्हें जमानत मिल गई.
टोल प्लाजा के मैनेजर ने क्या कहा?
टोल प्लाजा के मैनेजर समर्थ गर्ग ने बताया कि- मुरैना कलेक्टर की गाड़ी, नाके से गुजर रही थी. वाहन अधिक होने की वजह से उनकी गाड़ी 10 मिनट तक नाके पर ही खड़ी रह गई. इसी वजह से उन्होंने पुलिस बुलवाकर हम सभी को गिरफ्तार करवा दिया।