What did India benefit from PM Modi’s visit to Ghana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2-3 जुलाई 2025 को घाना की ऐतिहासिक यात्रा (PM Modi’s Ghana visit) की, जो पिछले तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा थी। इस दौरान पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा (President of Ghana John Dramani Mahama) के साथ व्यापक चर्चा की और दोनों देशों ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को Comprehensive Partnership के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया। इस यात्रा के दौरान चार महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनका उद्देश्य व्यापार, संस्कृति, मानकीकरण, और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना है। इसके साथ ही, भारत ने घाना के साथ अपनी डिजिटल पेमेंट प्रणाली UPI (Unified Payments Interface) साझा करने की पेशकश की, जो दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी संबंधों को मजबूत करेगा। भारत और घाना के बीच हुए समझौते पीएम मोदी और राष्ट्रपति महामा के बीच हुए प्रतिनिधिमंडल-स्तर के वार्ता (Delegation-Level Talks) के बाद चार महत्वपूर्ण समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर किए गए:
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (India Ghana Cultural Exchange Programme):
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) को बढ़ावा देना है। यह समझौता भारत और घाना के लोगों के बीच आपसी समझ और सांस्कृतिक जुड़ाव को गहरा करेगा। दोनों देश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को साझा करेंगे, जिससे सांस्कृतिक पर्यटन (Cultural Tourism) को भी बढ़ावा मिलेगा। - भारतीय मानक ब्यूरो और घाना मानक प्राधिकरण के बीच समझौता (BIS-GSA MoU):
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards) और घाना मानक प्राधिकरण (Ghana Standards Authority) के बीच सहयोग से उत्पाद मानकों, गुणवत्ता जांच (Quality Control), और प्रमाणन (Certification) में सुधार होगा। यह समझौता व्यापार में तकनीकी बाधाओं (Technical Barriers to Trade) को कम करेगा और दोनों देशों के बीच वस्तुओं के व्यापार को आसान बनाएगा। - पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग :
भारत के आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान (ITRA) और घाना के पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान (ITAM) के बीच समझौता हुआ। यह सहयोग पारंपरिक चिकित्सा (Ayurveda and Traditional Medicine) के क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण, और अनुसंधान को बढ़ावा देगा। भारत की आयुर्वेदिक विशेषज्ञता घाना की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगी। - संयुक्त आयोग की बैठक (India Ghana Joint Commission Meeting):
इस समझौते के तहत दोनों देश नियमित उच्च-स्तरीय वार्ता (High-Level Dialogue) आयोजित करेंगे ताकि द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की जा सके और इसे और मजबूत किया जा सके। यह तंत्र दोनों देशों के बीच नीतिगत समन्वय को बढ़ाएगा।
अन्य क्षेत्रों में सहयोग
- वैक्सीन उत्पादन: भारत ने घाना को पश्चिम अफ्रीका में वैक्सीन उत्पादन केंद्र (Vaccine Hub) बनाने की महत्वाकांक्षा में समर्थन देने का वादा किया। यह सहयोग घाना की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करेगा और क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा (Regional Health Security) को बढ़ाएगा।
- डिजिटल पेमेंट और फिनटेक (FinTech and Digital Payments): पीएम मोदी ने घाना के साथ भारत की UPI प्रणाली साझा करने की पेशकश की। यह घाना के वित्तीय तकनीकी ढांचे (Financial Technology Infrastructure) को मजबूत करेगा और डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) को बढ़ावा देगा।
- रक्षा और सुरक्षा (Defence and Security): दोनों देशों ने रक्षा प्रशिक्षण, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा (Maritime Security), और रक्षा आपूर्ति (Defence Supplies) में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। आतंकवाद को मानवता का दुश्मन (Enemy of Humanity) मानते हुए दोनों देश इसके खिलाफ मिलकर काम करेंगे।
- खनन और महत्वपूर्ण खनिज (Critical Minerals): भारतीय कंपनियां घाना में महत्वपूर्ण खनिजों (Rare Earth Minerals) की खोज और खनन में सहयोग करेंगी, जो औद्योगिक विकास और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain Resilience) को मजबूत करेगा।
- कृषि और कौशल विकास (Agriculture and Skill Development): भारत ने घाना के “Feed Ghana” कार्यक्रम में सहयोग करने और एक Skill Development Centre स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा, ITEC और ICCR Scholarships को दोगुना करने का निर्णय लिया गया, जिससे घाना के युवाओं को प्रशिक्षण और शिक्षा के अवसर मिलेंगे।
भारत को क्या फायदा होगा?
पीएम मोदी की घाना यात्रा और इन समझौतों से भारत को कई रणनीतिक और आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है:
- आर्थिक लाभ
- दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार (Bilateral Trade) को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है, जो वर्तमान में 3 बिलियन डॉलर से अधिक है। भारत मुख्य रूप से घाना से सोना (Gold Imports) आयात करता है, जबकि दवाएं, कृषि मशीनरी, और वाहन (Pharmaceuticals, Farm Machinery, Vehicles) निर्यात करता है। व्यापार बढ़ने से भारतीय निर्यातकों को नए अवसर मिलेंगे।
- भारतीय कंपनियों ने घाना में 2 बिलियन डॉलर के लगभग 900 परियोजनाओं (Investment Projects) में निवेश किया है। नए समझौते इस निवेश को और बढ़ाएंगे, खासकर खनन और महत्वपूर्ण खनिजों (Critical Minerals) के क्षेत्र में।
- डिजिटल नेतृत्व
- UPI के निर्यात से भारत की डिजिटल तकनीक (Digital Technology) की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ेगी। घाना में UPI की शुरुआत से भारतीय फिनटेक कंपनियों को नए बाजार (New Markets) मिलेंगे और भारत की डिजिटल इंडिया पहल (Digital India Initiative) को वैश्विक मंच पर मान्यता मिलेगी।
- रणनीतिक प्रभाव
- घाना अफ्रीकी संघ (African Union) और पश्चिम अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय (ECOWAS) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस साझेदारी से भारत का अफ्रीका में प्रभाव (Influence in Africa) बढ़ेगा, खासकर वैश्विक दक्षिण (Global South) के संदर्भ में।
- आतंकवाद के खिलाफ सहयोग (Counter-Terrorism Cooperation) और रक्षा सहयोग (Defence Cooperation) से भारत की वैश्विक सुरक्षा नीति (Global Security Policy) को बल मिलेगा।
- सांस्कृतिक और राजनयिक लाभ
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान (Cultural Exchange) से भारतीय संस्कृति को अफ्रीका में बढ़ावा मिलेगा, जिससे सॉफ्ट पावर (Soft Power) बढ़ेगी।
- पीएम मोदी को घाना के सर्वोच्च सम्मान ‘The Officer of the Order of the Star of Ghana’ से सम्मानित किया गया, जो भारत की वैश्विक कद (Global Stature) को दर्शाता है।
- स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग
- घाना में वैक्सीन उत्पादन और पारंपरिक चिकित्सा में सहयोग से भारतीय फार्मा कंपनियों (Pharma Companies) और आयुर्वेदिक विशेषज्ञों को नए अवसर मिलेंगे।
- ITEC और ICCR Scholarships के विस्तार से घाना के युवाओं के साथ भारत के लोग-से-लोग संपर्क (People-to-People Ties) मजबूत होंगे।