Leh Violence: लद्दाख (Ladakh Full Statehood Demand) को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों का आंदोलन तेज हो गया है। सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk Hunger Strike) 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, जबकि लेह (Leh Violent Protest) में छात्रों ने बुधवार को हिंसक प्रदर्शन किया। BJP ऑफिस और CRPF वाहन को आग लगा दी।
वीडियो में “BJP सरकार हाय-हाय” के नारे लगाते छात्र दिख रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। ये आंदोलन 2019 में आर्टिकल 370 हटने के बाद से चला आ रहा है, जब लद्दाख को बिना विधानसभा वाले यूनियन टेरिटरी का दर्जा मिला। अगली बैठक 6 अक्टूबर को दिल्ली में होगी
बुधवार को लेह में वांगचुक के समर्थन में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतरे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस द्वारा रोकने पर हिंसक हो गया। छात्रों ने पत्थरबाजी की, BJP के स्थानीय ऑफिस को आग लगा दी और एक CRPF वाहन को फूंस दिया। वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी “BJP सरकार हाय-हाय” के नारे लगा रहे हैं, जबकि पुलिस लाठीचार्ज करने की कोशिश कर रही है।
सोनम वांगचुक की 4 मुख्य मांगें
सोनम वांगचुक, जो पर्यावरण और शिक्षा कार्यकर्ता के रूप में मशहूर हैं, ने लद्दाख के लोगों के अधिकारों के लिए 15 दिन से भूख हड़ताल शुरू की है। आंदोलन का फोकस लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने पर है, ताकि स्थानीय लोग अपनी जमीन नौकरियां और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा कर सकें। वांगचुक ने कहा, “2019 के बदलावों के बाद हम राजनीतिक रूप से हाशिए पर हैं.
- लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा (Ladakh Full Statehood)।
- छठी अनुसूची (Sixth Schedule) के तहत संवैधानिक सुरक्षा।
- लेह (Leh) और कारगिल (Kargil) के लिए अलग लोकसभा सीटें।
- सरकारी नौकरियों में स्थानीय आरक्षण।
केंद्र सरकार का जवाब: 5 नए जिले बनाए, लेकिन मांगें अधूरी
अगस्त 2024 में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लद्दाख में 5 नए जिले (Ladakh New Districts)—जंस्कार (Zanskar), द्रास (Dras), शाम (Sham), नुब्रा (Nubra) और चांगथांग (Changthang) घोषित किए, जिससे जिले दो से बढ़कर सात हो गए। लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये कदम उनकी मुख्य मांगों राज्यता और संवैधानिक सुरक्षा को संबोधित नहीं करता। 2019 के 5 अगस्त के फैसले के बाद लेह-कारगिल के लोग खुद को राजनीतिक रूप से अलग-थलग महसूस कर रहे हैं।