न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हमेशा हम डरते रहते हैं कि किसी परेशानी में न पड़ जाए और हमारे अपने हमारे लिए परेशान न हो जाएं लेकिन कभी आपने सोचा... Read More
न्याज़ियामंथन। औरत कौन होती है वो लड़की जिसकी क़ुव्वत क़ुदरत धीरे-धीरे उसे बता देती है इसके बावजूद दुनिया कहती है कि वो कमज़ोर है और वो कभी-कभी तो मान भी... Read More
न्याज़ियामंथन। क्या आपके पास भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आपसे बहुत बड़े हैं उम्र में या रुतबे में लेकिन आपकी हर बात ग़ौर से सुनते हैं, आपको अहमियत देते... Read More
न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हर वक़्त दुखी रहने से हम अकेले रह जाते हैं शायद इसलिए कि कोई भी बहुत देर तक रोना नहीं चाहता, आपसे थोड़ी सहानुभूति दिखाने... Read More
न्याज़ियामंथन। माना कि हम बहोत गुणीं हैं बहुत क़ाबिल हैं पर क्या अपनी तारीफ करना सही है ?अपने लिए बड़े-बड़े दावे करना सही है? कहीं ये कॉन्फिडेंस ,ओवर कॉन्फिडेंस तो... Read More
न्याज़िया बेगम, मंथन/ कल की एक ख़ुशी का उस लम्हे का जिसमें हमें खुशियों का सामान जुटाना है अपने लिए, अपने अपनों के लिए पर क्या ये सही है? क्या... Read More
न्याज़िया बेगममंथन। नहीं न? सरलता क्या है हम आसानी से सामने वाले कि बात मान लेते हैं या उसकी सुविधा के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं, ज़ाहिर है जिसकी... Read More