न्याज़ियामंथन। क्या औरत का दिल आदमियों से कुछ अलग धड़कता है उसके एहसासात, जज़्बात कुछ अलग होते हैं जिन्हें किसी पुरुष के लिए समझना इतना मुश्किल होता है कि औपचारिक... Read More
न्याज़िया मंथन। जब हम खाली होते हैं तो मनोरंजन के साधन ढूंढते हैं दिल बहलाने के लिए ,खुद को थोड़ा हुनरमंद साबित करने के लिए कुछ नया बनाने की कोशिश... Read More
न्याज़ियामंथन। क्या आप जानते हैं हमसफर में ऐसा क्या देखें !जिसके आगे सब फीका पड़ जाए ,शायद बहुत से लोग नहीं जानते इसीलिए हमारी युवा पीढ़ी हमसफर चुनने के पहले... Read More
न्याज़ियामंथन। जी हां आपका वो काम जिससे आपका जीवन यापन होता है रोज़ी , रोटी ,कमाने का ज़रिया! अगर नहीं हैं तो अपनी आजीविका तलाशने से पहले ,खुद को समझने... Read More
न्याज़िया मंथन। क्या जो भी हमारे साथ ग़लत करे उससे नाराज़ होना या समझाना ज़रूरी है कि उसने कुछ ग़लत किया है जबकि उसे अपनी ग़लती का ख़ुद से एहसास... Read More
न्याज़ियामंथन। आपको क्या लगता है क्या ज़्यादा मुश्किल है ? किसी की बात का पलट के जबाब देना या सुन लेना, बर्दाश्त कर लेना और सब भूलकर सामान्य हो जाना,... Read More
न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हमेशा हम डरते रहते हैं कि किसी परेशानी में न पड़ जाए और हमारे अपने हमारे लिए परेशान न हो जाएं लेकिन कभी आपने सोचा... Read More
न्याज़ियामंथन। औरत कौन होती है वो लड़की जिसकी क़ुव्वत क़ुदरत धीरे-धीरे उसे बता देती है इसके बावजूद दुनिया कहती है कि वो कमज़ोर है और वो कभी-कभी तो मान भी... Read More
न्याज़ियामंथन। क्या आपके पास भी कुछ लोग ऐसे हैं जो आपसे बहुत बड़े हैं उम्र में या रुतबे में लेकिन आपकी हर बात ग़ौर से सुनते हैं, आपको अहमियत देते... Read More
न्याज़ियामंथन। आपको नहीं लगता कि हर वक़्त दुखी रहने से हम अकेले रह जाते हैं शायद इसलिए कि कोई भी बहुत देर तक रोना नहीं चाहता, आपसे थोड़ी सहानुभूति दिखाने... Read More