MP: सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड कचरे को जलाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई से किया इनकार

uk waste uk waste

Union Carbide Waste: याचिका के इंटरविनर अशोक कुमार वासुदेवन ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की, क्योंकि यह अवधि जल्द खत्म होने वाली है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है और इससे प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भोपाल गैस त्रासदी के रासायनिक कचरे को पीथमपुर में जलाने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. चिन्मय मिश्र ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के 27 मार्च 2025 के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के 1984 के गैसकांड के बाद बचे रासायनिक कचरे को पीथमपुर की एक फैक्ट्री के इंसीनरेटर में जलाने का निर्देश दिया गया था। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को इस कार्य के लिए 72 दिन का समय दिया था, जिसकी अवधि 8 जून 2025 को समाप्त हो रही है।

याचिका के इंटरविनर अशोक कुमार वासुदेवन ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की, क्योंकि यह अवधि जल्द खत्म होने वाली है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ा है और इससे प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, जस्टिस संजय करोल और सतीश चंद्र शर्मा की युगल पीठ ने तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, “हम वर्षों से इस कचरे को हटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन तथाकथित एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ता इसे रोक रहे हैं। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है और विशेषज्ञों की देखरेख में कचरे का भस्मीकरण किया जा रहा है।”

वासुदेवन ने तर्क दिया कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप आवश्यक है, क्योंकि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आपने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भी अपील की थी, जहां इसे खारिज कर दिया गया। फिर आपने इस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन यहां भी इसे स्वीकार नहीं किया गया। अब आप छुट्टियों के बीच इस पर रोक चाहते हैं। हमें खेद है, लेकिन हम इस पर विचार नहीं करेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *