सुब्रत राय की कहानी

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कभी अटल जी ने उनकी तारीफ़ की थी. लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब उन पर 24 हजार करोड़ का केस भी हुआ.

सहारा प्रमुख सुब्रत राय अब नहीं रहे. 75 वर्ष की उम्र में 14 नवंबर की रात उनका निधन हो गया. उनके सामान्य जीवन से एक बड़े कारोबारी बनने की कहानी बेहद खास है.

तारीख थी 6 मई 2013. देशभर से बसों में सवार होकर लाखों लोग लखनऊ शहर के बाहरी इलाके में एक बड़े मैदान में इकट्ठा हो रहे थे. ये मैदान 30 फुटबॉल ग्राउंड से भी बड़ा था. ये सभी लोग एक मिशन पर थे. मिशन था भारत का राष्ट्रगान गाकर पाकिस्तान का रिकॉर्ड तोड़ना। सुबह करीब 10 बजे वहां लगे लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट होता है कि दुनिया के सबसे बड़े परिवार के अभिभावक माननीय सहाराश्री तशरीफ़ ला रहे हैं. लोग उत्साह के साथ सहारा श्री जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. स्टेज से सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय अपने दोनों हाथ हिलाते हैं और जोर-जोर से भारत माता की जय कहते हैं. 1,21,653 लोग मिलकर राष्ट्रगान गाते हैं जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाता है और पाकिस्तान का रिकॉर्ड टूट जाता है.

सुब्रत रॉय का जन्म

सुब्रत रॉय 10 जून 1948 को अररिया, बिहार में जन्मे थे. उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि है. बाद में परिवार बेहतर अवसरों की तलाश में बिहार से उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में शिफ्ट हो गया. रॉय अपने माता-पिता और भाई-बहन के साथ शहर के तुर्कमानपुर इलाके में रहते थे. बचपन में सुब्रत रॉय एक प्रतिभाशाली छात्र थे. उनकी स्कूली शिक्षा होली चाइल्ड स्कूल से हुई थी. उन्हें तकनीकी शिक्षा में बहुत रूचि थी और इस रूचि को आगे बढ़ाते हुए सरकारी तकनीकी संस्थान, गोरखपुर मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया था.

किससे हुई थी सुब्रत रॉय की शादी?

सुब्रत रॉय की पत्नी से उनकी मुलाकात कोलकता में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी. सिमी गरेवाल के एक चैट शो में स्वपना ने बताया था कि सुब्रत रॉय बहुत चार्मिंग थे और वो उनके प्यार में पड़ गई. करीब 7 साल बाद दोनों की शादी हुई. सुब्रत के दो बेटे सुशांतो और सीमांतो हैं. दोनों बेटों का विवाह भी चर्चित रहा क्योंकि बेटों की शादी में 500 करोड़ रूपये खर्च किए गए थे. बेटों की शादी में देश की बड़ी हस्तियां भी शामिल हुई थीं.

कारोबार की शुरुआत

सुब्रत रॉय ने अपने करियर की शुरुआत नमकीन स्नैक्स बेचने से की थी. वह अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर जया प्रोडक्ट के नाम से स्नैक्स बेचते थे. 1978 में उन्होंने गोरखपुर में छोटे से ऑफिस से सहारा की नींव रखी. लाखों लोग इससे जुड़ गए और देखते ही देखते सुब्रत रॉय सहाराश्री बन गए. सभी लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते थे.

सहारा कई तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान चलाता था. डेली, मंथली, एनुअल डिपॉजिट जैसी सर्विस देता था. रॉय के नेतृत्व में, सहारा ने कई व्यवसायों में विस्तार किया। रॉय का साम्राज्य फाइनेंस, रियल स्टेट, मीडिया और हॉस्पिटैलिटी से लेकर अन्य सेक्टर्स में फैला हुआ था. 1991 में सहारा एयर लाइंस की शुरुआत हुई थी. सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर भी रहा.

पुरस्कारों से सम्मानित हुए सहारा श्री

2013 में सहारा ने बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में राहत प्रयासों में काफी मदद की थी. एक लाख बोतल पीने का पानी, पैकेज्ड जूस, खाने के पैकेट उपलब्ध कराए थे. कारगिल युद्ध में सहारा ने शहीदों के 127 परिवारों को आर्थिक सहायता दी थी. उनके योगदान की तारीफ़ तत्कालीन पीएम अटल बिहारी ने भी की थी.

2002 में बिजनेस ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड

2002 में बेस्ट इंडस्ट्रियल अवॉर्ड

2010 में विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान

2010 में रोटरी इंटर नेशनल का वोकेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस

2010 में राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार

2012 में भारत के टॉप 10 मोस्ट इन्फ्लूएंशियल बिजनेसमैन

कैसे डूबा सहारा?

सुब्रत रॉय के पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के IPO से हुई थी. इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रूपए निवेशकों को लौटाने को कहा था. तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है.

30 सितंबर 2009 को सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी ने IPO के SEBI के पास DRHP दायर किया था. जिसमे सेबी को रियल स्टेट और हाऊसिंग कंपनियों के फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली।

25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया को शिकायतें मिली कि दोनों कंपनी OFCDS से पैसे जुटा रही है. सेबी को पता चला कि कंपनी ने OFCDS के जरिए 2-2.5 करोड़ लोगों से 24000 करोड़ रुपए जुटाए हैं. सेबी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सहारा ने बॉन्ड जारी करने के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली? मामला सुप्रीम कोर्ट पंहुचा और 2012 में कोर्ट ने सहारा को पैसा 15% ब्याज के साथ लौटाने को कहा गया. इसके अलावा निवेशकों की डिटेल्स सेबी को देने को भी कहा.

2013 में सहारा ने 127 ट्रक भेजे थे जिनमें OFCD धारकों के डॉक्यूमेंट्स थे. एक साथ इतने सारे ट्रक के कारण मुंबई के बाहरी इलाके में जाम लग गया. वहीं सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं जमा कर पाया तो कोर्ट ने तीन किश्तों में पेमेंट करने का आदेश दिया। सहारा ने 5120 करोड़ रूपये की पहली किश्त जमा की और अगला पेमेंट कभी जमा नहीं किया।

28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने सुब्रत रॉय को हिरासत में ले लिया। रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और साल 2016 से पेरोल पर जेल से बाहर रहे. पटना हाइकोर्ट में उनके खिलाफ पैसों का भुगतान न करने का केस चल रहा है. हालांकि इस केस में उनकी गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी.

कैसे समाप्त हुई सहाराश्री की कहानी?

सुब्रत रॉय को मेटास्टैटिक स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्याएं थी. कार्डियक अरेस्ट के कारण 14 नवंबर 2023 मंगलवार की रात लगभग 10:30 बजे उनका निधन हो गया. सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय काफी दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे और उनका इलाज मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में चल रहा था. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहां उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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