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Shrikrishna Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष भोग, धनिया पंजीरी रेसिपी

Shrikrishna Janmashtami 2025, Shri Krishna Janmashtami Special Bhog Dhaniya Panjiriजन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को अर्पित की जाने वाली धनिया पंजीरी सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि भक्तिभाव और स्वास्थ्य का संगम है। पौराणिक मान्यता है कि माखन-मिश्री के साथ धनिया पंजीरी भी श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है।

इसका उल्लेख विशेष रूप से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत और दही हांडी जैसे उत्सवों में मिलता है। धनिया पंजीरी का महत्व केवल स्वाद तक सीमित नहीं है , यह व्रत करने वालों के लिए ऊर्जा का संपूर्ण स्रोत है और पाचन को संतुलित रखती है।

चूंकि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि में हुआ, तब ठंडी तासीर वाले व्रत-भोग का प्रचलन रहा, और धनिया पंजीरी उसमें अग्रणी स्थान रखती है।

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी भोग बनाने की आवश्यक सामग्री – Ingredients

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर धनिया पंजीरी भोग बनाने की बनाने की विधि – Method

सबसे पहले कढ़ाही में हल्की आंच पर साबुत धनिया को सूखा भून लें जब तक खुशबू न आने लगे ठंडा होने पर मिक्सर में दरदरा या महीन, जैसा पसंद हो पीस लें।अब उसी कढ़ाही में देसी घी गर्म करें और धीमी-धीमी आंच पर गहरा ब्राउन होने तक भुनें फिर ठंडा होने के लिए अलग रखें। अब वापस कढ़ाई चढ़ाएं,उसमें घी गर्म करें मखाने डालकर हल्के सुनहरे होने तक भूनें फिर क्रमश: काजू, बादाम और नारियल बूरा डालकर हल्का सुनहरा कर लें।

मिश्रण तैयार करना – धीमी-धीमी आंच पर बिना घी की कढ़ाई में भुना हुआ आटा, धनिया पाउडर और इलायची पाउडर डालें, अच्छी तरह मिला लें फिर आंच बंद करके पिसी शक्कर या बूरा डालें और अच्छी तरह मिक्स करें । लड्डू गोपाल का पसंदीदा धनिया पंजीरी को सुंदर थाली में सजाकर लड्डू गोपाल को अर्पित करें, फिर प्रसाद रूप में बांटें।

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लड्डू गोपाल के प्रिय भोग धनिया पंजीरी के फायदे – Benefits

व्रत वालों के लिए ऊर्जा का श्रोत — धनिया पंजीरी हल्की होते हुए भी ऊर्जा से भरपूर होती है।
पाचन सुधारती है — धनिया पाचन तंत्र को संतुलित रखता है और गैस व अपच से बचाता है।
तासीर संतुलन — भाद्रपद मास के मौसम में यह शरीर को ठंडक देती है।
प्रतिरक्षा बढ़ाती है — इसमें मौजूद ड्राई फ्रूट्स और नारियल शरीर को पोषण देते हैं।
आध्यात्मिक महत्व — पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने वाला भोग है।

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