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Hartalika Teej 2025 Date, Shubh Muhurat, Pooja Vidhi के बारे में जानें

Hartalika Teej 2025 Date, Shubh Muhurat, Pooja Vidhi In Hindi

Hartalika Teej 2025 Date, Shubh Muhurat, Pooja Vidhi In Hindi

Hartalika Teej 2025 Date, Shubh Muhurat, Pooja Vidhi In Hindi; हरियाली तीज और हरितालिका तीज में देखा जाए तो कुछ शब्द और मात्राओं का ही अंतर है लेकिन दोनों ही त्योहारों का उद्देश्य हिन्दू धर्म में एक ही है,

जिसमें प्रकृति के महत्व को बढ़ावा देने और हमारी धर्म संस्कृति को आगे आने वाली पीढ़ियों को इनके उत्सवों से जोड़ना जिसमें सबसे बड़ी समानता यह है कि दोनों ही त्योहारों में भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है और ये दोनों ही त्योहार बारिश के मौसम में जहां हरियाली तीज सावन में पड़ती है, तो हरितालिका भादों में यानी बारिश के तीसरे महीने में पड़ती है।

इस दोनों के अंतर को स्पष्टतः समझने के लिए कुछ जरूरी तथ्य इस प्रकार हैं जिसमें हरियाली तीज को श्रावणी तीज भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है।

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यह त्योहार भगवान शिव- देवी पार्वती के मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जो विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। वहीं हरितालिका तीज (Hartalika Teej 2025) का पर्व भी हिन्दू धर्म में सौभाग्य प्राप्त करने और सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त करने की उत्तम तिथि है।

यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य प्राप्त करने और कुमारी कन्याओं द्वारा श्रेष्ठ वर प्राप्त करने के लिए रखा जाता है जिसमें महिलाएं 24 घंटे का अखंड निर्जला व्रत करती हैं। जबकि हरियाली तीज में पानी और फलाहारी करने की छूट होती है जबकि दोनों ही त्योहारों की पूजा के दौरान महिलाएं मां पार्वती को 16 शृंगार की चढ़ातीं हैं जो अखंड सौभाग्य प्राप्त करने की कामना से अर्पित करती हैं ।

हरियाली तीज के नियम | Hariyali Teej Ke Niyam

पारंपरिक रीति-रिवाज – हरियाली तीज, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, प्रकृति के उत्सव का भी प्रतीक है। सावन के महीने में चारों ओर फैली हरियाली और बारिश के मौसम की सुंदरता इस त्योहार को और भी खास बनाती है। हरियाली तीज पर महिलाएं झूला-झूलती हैं, पारंपरिक लोकगीत गाती हैं और मेहंदी लगाती हैं।

यह त्योहार महिलाओं के बीच प्रेम, उमंग, और खुशी का संचार करता है इस दिन महिलाएं पारंपरिक रूप से 16 श्रृंगार करके, भगवान शिव और देवी पार्वती की उत्साह पूर्वक पूजन करतीं हैं। हरियाली तीज के दिन, विशेष रूप से महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनना, झूला-झूलना, और मेहंदी लगाने को सौभाग्य और शुभता का प्रतीक मानती हैं।

महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां, आभूषण आदि से सुसज्जित हो भगवान शिव-पार्वती की पूजा की में शामिल होती है। इस दौरान झूला झूलना और लोकगीत गाना हरियाली तीज का एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक हिस्सा है.

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जिसमें ऋतुपरक गीत, शिव-पार्वती व राधा-कृष्ण के भजन व मौसम के लोकरंग जैसे,कजरी,हिंडुली विशेष रूप से गाए जाते हैं जबकि भारत देश के अलग-अलग राज्यों के अनुसार स्थानीय पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं हरियाली तीज एक पारंपरिक महत्वपूर्ण त्योहार है जो जीवन में खुशी, प्रकृति, प्रेम, और भक्ति का उत्सव का संचार करता है।

हरतालिका तीज मुहूर्त | Hartalika Teej 2025 Shubh Muhurat

– जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, हरितालिका यानी हड़ताल,जो माता पार्वती ने भगवन शिव का वरन करने की कामना से निराहार रह कर किया था ।प्रत्येक वर्ष भाद्रपद शुक्ल तृतीया पर हरतालिका तीज (Hartalika Teej 2025 Date) का व्रत किया जाता है।

इस व्रत की पूजा में महिलाएं भगवान शिव व पार्वती की रेत या मिट्टी की मदद से एक मूर्ति बनाती हैं और उसकी पूजा-अर्चना कर पति की दीर्घायु सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करती हैं।

हरितालिका तीज – भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है जो इस वर्ष यह तिथि 25 अगस्त, दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर लगेगी और इस तिथि का समापन 26 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का पर्व मंगलवार, 26 अगस्त को मनाया जाएगा।

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हरितालिका तीज पर गौरी-शंकर की पूजा विधि | Hartalika Teej Pooja Vidhi

– हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के पश्चात् साफ-सुथरे विशेषकर हरे या लाल रंग के वस्त्र पहनें। शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और स्वयं द्वारा बनाई गई माता पर्वती, भगवान शिव और गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। सबसे पहले गणेश जी का विधिवत पूजन करें और इसके बाद गौरी-शंकर की विधि-विधान से पूजन करें। पूजा में मां गौरी को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें ।

Hartalika Teej 2025 | माता पार्वती को अति प्रिय कामना मंत्र – आप पूजा में इन मंत्रों का जप भी कर सकते हैं

ओम पार्वत्यै नमः, ओम उमाये नमः , देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता-नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।  मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाने का मंत्र – सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम् कुवांरी लड़कियों के लिए मनचाहे वर के लिए मंत्र – गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया-तथा मां कुरु कल्याण कांत कांता सुदुर्लभाम।

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