पीएम मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से की बात, अमेरिकी हमले के बाद तनाव कम करने की अपील

PM Modi-Pezeshkian Call: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से फोन पर बात की और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई (Iran-Israel Conflict)। यह बातचीत अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नटांज़, और इस्फहान—पर बी-2 स्टील्थ बॉम्बर और टॉमहॉक मिसाइलों से किए गए हमलों के कुछ घंटों बाद हुई (US Strikes Iran)। पीएम मोदी ने तत्काल तनाव कम करने, संवाद, और कूटनीति के जरिए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बहाल करने की अपील की

बातचीत का मकसद: शांति और कूटनीति

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बात की। हमने मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। हाल के तनावों पर गहरी चिंता व्यक्त की। तनाव को तत्काल कम करने, संवाद और कूटनीति को आगे बढ़ाने और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा, और स्थिरता की जल्द बहाली के लिए अपनी अपील दोहराई ।” यह बातचीत 45 मिनट तक चली, जिसमें राष्ट्रपति पेजेशकियान ने ईरान की स्थिति और क्षेत्रीय तनाव पर भारत को विस्तार से जानकारी दी ()।

अमेरिकी हमले और क्षेत्रीय तनाव

अमेरिका ने शनिवार (स्थानीय समय) को ईरान के परमाणु ठिकानों पर “बड़े पैमाने पर सटीक” हमले किए, जिसमें फोर्डो पर छह बंकर-बस्टर बमों का उपयोग किया गया (Bunker-Buster Bombs)। इन हमलों को इजरायल के साथ मिलकर अंजाम दिया गया, जिसके बाद ईरान ने जवाबी मिसाइल हमले किए, जिसमें इजरायल में कम से कम 20 लोग घायल हुए (Iran Retaliatory Strikes)। ईरान के विदेश मंत्रालय ने इन हमलों को “अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन” और “क्रूर सैन्य आक्रमण” करार दिया, साथ ही संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से तत्काल कार्रवाई की मांग की

भारत की भूमिका और चिंताएँ

भारत ने मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को लेकर अपनी चिंता दोहराई है, खासकर क्योंकि यह क्षेत्र भारत के तेल आयात और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण है। 2024-25 में भारत का ईरान के साथ निर्यात 1.24 बिलियन डॉलर और आयात 441.8 बिलियन डॉलर रहा, जबकि इजरायल के साथ निर्यात 2.1 बिलियन डॉलर और आयात 1.6 बिलियन डॉलर रहा (India-Iran Trade)। पीएम मोदी ने पहले भी इजरायल और ईरान दोनों के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा दिया है, जैसा कि अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान पेजेशकियान के साथ उनकी मुलाकात में देखा गया था.

वैश्विक प्रतिक्रियाएँ

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस्तांबुल में ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की बैठक के दौरान कहा कि ईरान अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा (Iran Sovereignty)। दूसरी ओर, इजरायल ने अपने हमलों को “ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए पूर्व-निवारक कार्रवाई” करार दिया, जबकि ईरान ने इन दावों को खारिज करते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण बताया (Israel Preemptive Strikes)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ समन्वय की पुष्टि की और चेतावनी दी कि ईरान को शांति चुननी होगी, अन्यथा और हमले होंगे।

भारत की कूटनीतिक अपील

भारत ने लगातार संयम और कूटनीति का आह्वान किया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले कहा था कि भारत क्षेत्र में सभी पक्षों के साथ अच्छे संबंधों का लाभ उठाकर शांति स्थापित करने में भूमिका निभा सकता है (India’s Diplomatic Role)। पीएम मोदी की यह अपील मध्य पूर्व में भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और तटस्थता की नीति को दर्शाती है, जो शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों पर भी दिखाई देती है, जहां भारत ने इजरायल के खिलाफ हाल के बयान से दूरी बनाए रखी

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