MP: किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी तो कटेगी सैलरी, ऑपरेटर से GM तक पर कार्रवाई का फरमान

MP Bijli Vibhag News

MP Electricity Employees Salary: बिजली विभाग के एक नए फरमान ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत मंडल कंपनी ने एक सख़्त आदेश जारी किया है, जिसके तहत कृषि फीडरों पर किसी भी सूरत में 10 घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई पर रोक लगा दी गई है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार का “दोगलापन” बताते हुए किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया है।

MP Electricity Employees Salary: मध्य प्रदेश में किसान पहले ही बेमौसम बारिश की मार झेल रहे हैं, वहीं अब बिजली विभाग के एक नए फरमान ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत मंडल कंपनी ने एक सख़्त आदेश जारी किया है, जिसके तहत कृषि फीडरों पर किसी भी सूरत में 10 घंटे से ज्यादा बिजली सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।

आदेश का उल्लंघन करने पर बिजली ऑपरेटर से लेकर महाप्रबंधक (GM) तक का वेतन काटने का प्रावधान किया गया है। कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार का “दोगलापन” बताते हुए किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया है।

यह आदेश मध्य क्षेत्र विद्युत मंडल कंपनी के चीफ जनरल मैनेजर (CGM) एके जैन ने निकाला है। इसकी कॉपी भोपाल, ग्वालियर समेत सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, रायसेन, हरदा, विदिशा, अशोकनगर, गुना, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी और दतिया के महाप्रबंधकों को भेजी गई है।

ऑपरेटर से जीएम तक, सबकी कटेगी सैलरी

आदेश में स्पष्ट लिखा है कि यदि किसी कृषि फीडर पर निर्धारित 10 घंटे से अधिक बिजली दी जाती है, तो इसे नियम का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित अधिकारियों पर सख़्त कार्रवाई होगी।

ऑपरेटर: 10 घंटे से ज्यादा सप्लाई देने पर एक दिन का वेतन काटा जाएगा।

जूनियर इंजीनियर (JE): यदि कंट्रोल रूम द्वारा लगातार 2 दिन 10 घंटे से अधिक बिजली दी जाती है, तो संबंधित जेई का एक दिन का वेतन कटेगा।

एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (EE): लगातार 5 दिन तक ऐसा होने पर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की एक दिन की सैलरी काटी जाएगी।

डीजीएम/जीएम (DGM/GM): यदि 7 दिन तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई जाती है, तो उपमहाप्रबंधक या महाप्रबंधक का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।

“तकनीकी कारण” भी बहाना नहीं

आदेश में यह भी साफ़ किया गया है कि मिट्टी की नमी, खराब मौसम या तकनीकी कारणों से लोड बढ़ने पर भी बिजली आपूर्ति 10 घंटे से अधिक नहीं की जानी चाहिए। कृषि फीडर मीटरों की रीडिंग के आधार पर प्रतिदिन केवल 15 मिनट तक की त्रुटि (error margin) को ही मान्य किया जाएगा। सभी अधिकारियों को इस आदेश का सख्ती से पालन करने और उल्लंघन की रिपोर्ट हेडक्वार्टर भेजने का निर्देश दिया गया है।

कांग्रेस ने बताया ‘दोगलापन’

इस आदेश पर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राहुल शर्मा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर आदेश की कॉपी शेयर करते हुए लिखा कि “यह आदेश ध्यान से पढ़िए। भाजपा के नेता भाषण में कहते हैं- पर्याप्त बिजली देंगे और आदेश दे रहे हैं कि 10 घंटे से ज्यादा बिजली यदि किसी कर्मचारी ने दी तो तनख्वाह काट लेंगे। दोहरा चरित्र और दोगलेपन की सारी सीमाएं लांघती हुई भाजपा की ये सरकार। लगता है कि मोहन यादव जी ने कसम खा ली है कि किसानों को हर तरह से परेशान करना है?”

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