एमपी। पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। इसकी सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहरें, प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संपदा का आकर्षण “अतुलनीय मध्यप्रदेश” के रूप में पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है। प्रदेश ने वर्ष 2024 में पर्यटन के क्षेत्र में कीर्तिमान रचा है। मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड 13 करोड़ 41 लाख पर्यटकों का आगमन हुआ। यह उपलब्धि वर्ष 2023 की तुलना में 19.6 प्रतिशत, 2019 से लगभग 50.6 प्रतिशत और 2020 की तुलना में 526 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्यप्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। वर्ष 2024 में 13 करोड़ 41 लाख पर्यटकों का आगमन इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश देश ही नहीं, वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर भी मजबूती से उभर रहा है। यह उपलब्धि शासन की दूरदर्शी नीतियों, आधारभूत ढांचे के विकास और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी का प्रतिफल है।
विदेशी पर्यटकों को पंसद आ रहा एमपी
वर्ष 2024 में 1.67 लाख विदेशी पर्यटकों ने भी मध्यप्रदेश की सैर की। खजुराहो में 33 हजार 131, ग्वालियर में 10 हजार 823 और ओरछा में 13 हजार 960 विदेशी पर्यटक पहुंचे। शहरी पर्यटन में भी विदेशी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई, जिसमें इंदौर में 9,964 और भोपाल में 1,522 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। बांधवगढ़ में 29 हजार 192, कान्हा में 19 हजार 148, पन्ना में 12 हजार 762 और पेंच में 11 हजार 272 विदेशी पर्यटक आए, जो मध्यप्रदेश की वैश्विक अपील को दर्शाता है।
धार्मिक पर्यटन स्थलों पर बढ़ी संख्या
प्रदेश के धार्मिक स्थलों ने वर्ष 2024 में 10.7 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित किया, जो वर्ष 2023 की तुलना में 21.9ः अधिक है। प्रदेश के शीर्ष 10 पर्यटन स्थलों में से 6 धार्मिक स्थल शामिल हैं। उज्जैन 7.32 करोड़ पर्यटकों के साथ इस सूची में सबसे आगे रहा, जो वर्ष 2023 के 5.28 करोड़ की तुलना में 39ः अधिक है। चित्रकूट में भी 1 करोड़ से अधिक पर्यटक आए, जो वर्ष 2023 के 90 लाख की तुलना में 33ः अधिक है। मैहर में 1.33 करोड़, अमरकंटक में 40 लाख, सलकनपुर में 26 लाख और ओंकारेश्वर में 24 लाख पर्यटक पहुंचे। महाकाल लोक, ओंकारेश्वर महालोक, श्रीराम वनगमन पथ, देवी लोक, राजा राम लोक, हनुमान जैसी परियोजनाओं ने धार्मिक पर्यटन को आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है।