महंगी होगी शराब, सरकार ने बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी

Liquor Prices to Surge in Maharashtra as Govt Hikes Excise Duty: महाराष्ट्र में शराब के शौकीनों को अब जेब और ढीली करनी पड़ेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने शराब पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में भारी बढ़ोतरी कर दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL), देसी शराब (Country Liquor), और आयातित प्रीमियम शराब पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला लिया गया। इस फैसले से शराब की कीमतों (Liquor Prices Maharashtra) में 14% से 60% तक की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसका असर उपभोक्ताओं और शराब कंपनियों पर साफ दिख रहा है।

नई ड्यूटी और कीमतों में बढ़ोतरी

सरकार ने IMFL पर उत्पाद शुल्क को उत्पादन लागत के 3 गुना से बढ़ाकर 4.5 गुना कर दिया है, जिसके चलते इसकी खुदरा कीमतों में 60% से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है। देसी शराब पर ड्यूटी 180 रुपये प्रति प्रूफ लीटर से बढ़ाकर 205 रुपये कर दी गई है, जिससे इसकी कीमत 14% तक बढ़ेगी। आयातित प्रीमियम शराब (Imported Premium Liquor) की कीमतों में 25% की वृद्धि होगी। न्यूनतम खुदरा कीमतें अब इस प्रकार होंगी:

  • देसी शराब (180 मिली): 80 रुपये
  • महाराष्ट्र निर्मित शराब (MML, 180 मिली): 148 रुपये
  • IMFL (180 मिली): 205 रुपये
  • प्रीमियम विदेशी शराब (180 मिली): 360 रुपये

हालांकि, बीयर और वाइन (Beer and Wine) को इस ड्यूटी वृद्धि से छूट दी गई है, जिसका फायदा सुला वाइनयार्ड्स (Sula Vineyards) और जीएम ब्रुअरीज (GM Breweries) जैसी कंपनियों को मिला है।

शेयर बाजार पर असर

इस फैसले का शराब कंपनियों के शेयरों पर मिला-जुला असर पड़ा। यूनाइटेड स्पिरिट्स (United Spirits), रेडिको खेतान (Radico Khaitan), और एलाइड ब्लेंडर्स (Allied Blenders) जैसे IMFL निर्माताओं के शेयर 5-6% तक गिर गए। यूनाइटेड स्पिरिट्स में 6.19% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, सुला वाइनयार्ड्स के शेयर 13-17% तक उछले, जो 335.45 रुपये तक पहुंच गए, क्योंकि वाइन पर ड्यूटी नहीं बढ़ी। जीएम ब्रुअरीज के शेयर भी 18% तक बढ़कर 835.15 रुपये पर पहुंचे। निवेशकों को उम्मीद है कि IMFL की बढ़ती कीमतों से बीयर और वाइन की मांग बढ़ेगी।

महाराष्ट्र निर्मित शराब

सरकार ने एक नई शराब श्रेणी, महाराष्ट्र निर्मित शराब (MML) शुरू की है, जो अनाज-आधारित (Grain-Based) होगी और इसे ड्यूटी वृद्धि से छूट दी गई है। इसका न्यूनतम खुदरा मूल्य 148 रुपये (180 मिली) रखा गया है, जो IMFL के साथ प्रतिस्पर्धा करेगा। यह कदम राज्य के राजस्व को बढ़ाने और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन देने की रणनीति का हिस्सा है। सरकार को उम्मीद है कि इस नीति से आबकारी विभाग का सालाना राजस्व 14,000 करोड़ रुपये तक बढ़ेगा।

क्यों बढ़ाई गई ड्यूटी?

महाराष्ट्र सरकार नकदी संकट से जूझ रही है और इस बढ़ोतरी का मकसद राज्य का खजाना भरना है। यह 2011 के बाद पहली बार है जब शराब पर ड्यूटी में इतना बड़ा बदलाव किया गया है। सरकार का दावा है कि यह नीति वित्तीय स्वास्थ्य (Financial Health) को बेहतर करेगी और नई MML श्रेणी से स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।

उपभोक्ताओं और उद्योग पर असर

  • उपभोक्ता: शराब की बढ़ती कीमतों से उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करना पड़ेगा, खासकर IMFL और प्रीमियम शराब के लिए। कुछ लोग बीयर और वाइन की ओर रुख कर सकते हैं, जो अपेक्षाकृत सस्ते रहेंगे।
  • उद्योग: IMFL निर्माताओं को नुकसान हो सकता है, क्योंकि ऊंची कीमतें मांग को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं, बीयर और वाइन कंपनियां, जैसे सुला और जीएम ब्रुअरीज, इस छूट का फायदा उठा सकती हैं।

क्या कह रहे हैं लोग?

सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे सरकार का राजस्व बढ़ाने का जरूरी कदम मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ बता रहे हैं। कुछ यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में कहा कि अब “वाइन और बीयर का दौर” शुरू होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *