गर्मियों के बाद बारिश मौसम में करौंदे जैसे खट्टे फलों से बने अचार भारतीय रसोई का खास हिस्सा होते हैं। करौंदा ना सिर्फ स्वाद में अनोखा होता है बल्कि यह पाचन में सहायक, एंटीऑक्सीडेंट और सेहत के लिए लाभकारी भी माना जाता है। खासतौर पर इसका अचार तीखे और खट्टे स्वाद के शौकीनों के लिए एक परफेक्ट चॉइस है। आइए जानें करौंदे के अचार की पारंपरिक रेसिपी, जो लंबे समय तक चलती है और हर खाने के साथ स्वाद बढ़ा देती है।
करौंदे का अचार बनाने की सामग्री
- करौंदे – 500 ग्राम
- नमक – 2 टेबलस्पून
- लाल मिर्च पाउडर – स्वादानुसार
- हल्दी पाउडर – स्वादानुसार
- सौंफ – 1 टेबलस्पून
- राई – 1 टेबल स्पून भुनी हुई
- मैंथी – 1 टेबल स्पून भुनी हुई
- धनिया -1 टेबल स्पून भुनी हुई
- जीरा – 1 टेबल स्पून भुना हुआ
- हींग – 1/2 चम्मच
- गरम मसाला – 1 चम्मच
- सरसों का तेल – 150 ml
करौंदे का अचार बनाने की विधि
सबसे पहले करौंदों को अच्छे से धोकर साफ करें, फिर इन्हें एक करौंदे का दो भाग कर उसके बीज निकालकर नमक और हल्दी डालकर रखें ताकि मुलायम हो जाएं। नमक-हल्दी डालें हुए करौंदों को किसी सूती कपड़े पर फैलाकर पानी सूखने तक सुखा लें ताकि नमी न रह जाए। अब एक बर्तन में करौंदे डालें और उसमें नमक, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर और सौंफ मिलाएं और सभी भुने व पिसे हुए गरम मसाले मिक्स करें। सरसों का तेल गर्म करके ठंडा करें और मसालेदार करौंदों में मिलाएं। अब इस मिश्रण को कांच की साफ और सूखी कांच की बरनी में भरें। इस अचार को धूप निकलने पर 8-10 बार तक धूप में रखें और हर रोज एक बार चम्मच से हिलाते रहें ताकि मसाले और तेल समान रूप से मिलते रहें। 10 दिन बाद स्वादिष्ट करौंदे का अचार तैयार है, इसे पराठों, दाल-चावल या किसी भी खाने के साथ परोसें।
संभाल कर रखने के टिप्स
हमेशा सूखे चम्मच से अचार निकालें।
बरनी में नमी न जाए, वरना अचार जल्दी खराब हो सकता है। ज़्यादा समय तक टिकाने के लिए तेल थोड़ा और बढ़ा सकते हैं।
विशेष :- करौंदे का अचार स्वाद और सेहत का बेहतरीन मेल है। घर पर बना यह अचार न केवल रसायनमुक्त होता है, बल्कि लंबे समय तक स्वाद में बना रहता है। पारंपरिक तरीके से बने इस अचार को एक बार जरूर आज़माएं और अपनी थाली को नया ज़ायका दें।