Jammu Kashmir Election 2024 : अयोध्या-बद्रीनाथ से हाथ लगी करारी हार। क्या वैष्णो देवी सीट बचा पाएगी भाजपा?

Jammu Kashmir Election 2024 : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में बुधवार को 26 सीटों के लिए हुए मतदान में 56 फीसदी से ज्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कई जगहों पर उत्साही मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। इस दौरान सबसे ज्यादा वोटिंग हॉट सीटों में गिनी जाने वाली वैष्णो देवी सीट पर हुई, जहां 79.95 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। परिसीमन के बाद नई सीट अस्तित्व में आई है। इस सीट पर बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी और इस सीट पर प्रचार करने खुद पीएम मोदी कटरा पहुंचे थे। बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए हरसंभव प्रयास किया ताकि अयोध्या या बद्रीनाथ सीट जैसी कोई विपरीत परिस्थिति न पैदा हो सके।

2022 के परिसीमन के बाद माता वैष्णो देवी बनी विधानसभा सीट। Jammu Kashmir Election 2024

पीएम मोदी ने कटरा में रोड शो करते हुऐ कहा कहा,ऐसी सरकार की जरूरत है जो हमारी आस्था का सम्मान करे और हमारी संस्कृति को बढ़ावा दे। वैष्णो देवी मंदिर में पीएम मोदी की आस्था किसी से छिपी नहीं है। 2014 में जब उन्हें भाजपा ने पीएम उम्मीदवार घोषित किया था, तो उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार शुरू करने से पहले मंदिर में प्रार्थना की थी। इस बार महत्व दोगुना हो गया है, क्योंकि 2022 के परिसीमन के बाद एक और श्री माता वैष्णो देवी विधानसभा सीट है, जो रियासी और उधमपुर विधानसभा क्षेत्रों से अलग हो गई है।

इससे पहले अयोध्या और बद्रीनाथ सीटें भाजपा हार चुकी है।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में वह उत्तर प्रदेश की फैजाबाद (अयोध्या) सीट हार गई और फिर विधानसभा उपचुनाव में उत्तराखंड की बद्रीनाथ सीट नहीं जीत पाई। इन दोनों सीटों को लेकर विपक्ष ने भाजपा पर जमकर हमला बोला था। ऐसे में अब श्री माता वैष्णो देवी सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है और यही वजह है कि पार्टी ने यहां प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।

भाजपा ने यहां से बदला था अपना उम्मीदवार । Jammu Kashmir Election 2024

हालांकि, भाजपा को यहां कड़ी टक्कर मिलती दिख रही है क्योंकि उसके उम्मीदवार बलदेव राज शर्मा जो पहले रियासी से विधायक रह चुके हैं, का मुकाबला कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह समेत कुल सात उम्मीदवारों से है। भाजपा ने इस सीट पर अपना उम्मीदवार बदल दिया है। पहले इस सीट पर रोहित दुबे को उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन बाद में उनकी जगह बलदेव शर्मा को टिकट दे दिया गया। इसके बाद रोहित दुबे के समर्थक नाराज हो गए और अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए सड़कों पर उतर आए।

बारीदार समुदाय ने भाजपा पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए अपना उम्मीदवार उतारा।

वैष्णो देवी मंदिर के पूर्व संरक्षक बारीदार ने भी यहां अपना उम्मीदवार उतारा है। पहले भाजपा का समर्थन करने वाले इस समुदाय ने इस बार अपना उम्मीदवार शाम सिंह को मैदान में उतारा है। पीढ़ियों से वैष्णो देवी मंदिर में आरती करते आ रहे बारीदार मंदिर में पूर्ण पूजा करने के अपने अधिकार की बहाली और श्राइन बोर्ड में अपने परिवार के सदस्यों के लिए नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। समुदाय के लोग भाजपा पर उनकी समस्याओं का “स्थायी समाधान” न करने का विश्वासघात करने का आरोप लगा रहे हैं।

कांग्रेस और निर्दलीय भी भाजपा के लिए खड़ी कर सकते हैं मुश्किलें।

भाजपा के बलदेव शर्मा का मुकाबला कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह से है, जो कटरा और वैष्णो देवी मंदिर के बीच ट्रैक पर काम करने वाले टट्टूवालों और कुलियों के संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं। शर्मा को इस सीट पर करीब 9,000 मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस छोड़कर गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी में शामिल हुए पूर्व मंत्री जुगल किशोर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस धार्मिक नगरी की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनकर विधानसभा भेजती है।

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