हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट की तरफ़ से बड़ी खुशखबरी!

hemant soren

हेमंत सोरेन को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल की तरह सोरेन भी मांग रहे हैं सुप्रीम कोर्ट से जमानत।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 13 मई सोमवार को सुनवाई की गई। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से 17 मई तक जवाब मांगा है।

कोर्ट में हेमंत सोरेन के तरफ़ से वकालत कर रहे हैं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए मिले बेल का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा मेरा मामला भी अरविंद केजरीवाल जैसा ही है। सोरेन को भी चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिलना चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने दलीलें सुनने के बाद ED से जवाब मांगा।

कोर्ट ने सुनवाई की शुरुआत में ही जस्टिस संजीव खन्ना ने सोरेन के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या जमीन हेमंत सोरेन के कब्जे में थी। सिब्बल ने जोर देकर कहा कि यह जमीन पर सोरेन का कब्जा नहीं था। सिब्बल ने कहा, यह जमीन कभी सोरेन कब्जे में नहीं थी। मेरा उस जमीन से कोई लेना देना नहीं है। उनके इस बयान को दर्ज किया जा सकता है। वकील कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि जमीन पर जबरन कब्जे का अपराध धन शोधन कानून के दायरे में नहीं आता है।

जस्टिस खन्ना ने सिब्बल से पूछा कि क्या वह याचिका नोटिस के बाद जुलाई या कोर्ट की छुट्टियों के दौरान सूचीबद्ध कराना चाहते हैं। जिसकी शुरुआत 18 मई से होगी। कपिल सिब्बल ने वर्तमान लोकसभा चुनाव का हवाला देकर जल्द सुनवाई की सिफारिश किया। सिब्बल के 17 मई को सूचीबद्ध करने वाली मांग को बेंच ने शुरुआत में इनकार कर दिया। कोर्ट ने 20 मई को शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने की बात कहा। इस पर सिब्बल ने कहा कि तब तक झारखण्ड में चुनाव प्रचार प्रसार खत्म हो जाएगा।

कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि मामले में लंबी तारीख दी गई तो ‘हेमंत सोरेन’ पक्षपात का शिकार होंगे। सिब्बल ने सोरेन का पक्ष रखते हुए कहा कि मेरा मामला भी अरविंद केजरीवाल के आदेश के हूबहू ही है। इसलिए मुझे भी चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिलनी चाहिए। खण्ड पीठ ने कहा कि इस सप्ताह कोर्ट का बहुत ज्यादा काम है और बहुत से मामले सूचीबद्ध हैं। शीर्ष अदालत ने भी तारीख 20 मई से बदलने पर अनिच्छा जताई। परंतु सोरेन की ओर से पेश हुए सिब्बल और वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणाभ चौधरी के अनुरोध पर कोर्ट ने सुनवाई की तारीख को बदलकर 17 मई कर दिया है।

इससे पहले झारखंड हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दायर याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट के 3 मई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया गया। सोरेन ने लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रसार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांगी की थी। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले मामले और मनी लेंडिंग से जुड़े केस में प्रर्वतन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। सोरेन अभी रांची के हटवाड़ा स्थित बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *