MP के 10 पुलिसवालों के खिलाफ UP में FIR! आगरा के ट्रक मालिक को अफीम की तस्करी के जूठे केस में फंसाया?

मामला मंदसौर के पुलिसकर्मियों से जुड़ा है, जिन्होंने UP की सीमा में घुसकर ट्रक मालिक को अगवा कर लिया और जूठे केस में फंसाने की एवज में 30 लाख रुपए की फिरौती मांगी

मध्य प्रदेश की मंदसौर पुलिस ने यूपी में बड़ा कांड कर दिया है. उत्तर प्रदेश में मध्य प्रदेश के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदसौर के कुछ पुलिसवालों ने यूपी बॉर्डर क्रॉस कर आगरा से एक ट्रक मालिक को अगवा कर लिया और उसे अफीम की तस्करी के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 30 लाख रुपए फिरौती की डिमांड की. जिसके बाद यूपी पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश के 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जून 2023 में केस दर्ज कर लिया था. एमपी पुलिस का कारनामा अब उजागर हुआ है.

बताया गया है कि मंदसौर के जिन पुलिसवालों के खिलाफ यूपी में केस दर्ज हैं, उनमे से कुछ पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मंदसौर से बड़ी जगह ट्रांसफर ले चुके हैं. तो कई इंदौर-भोपाल जैसे जिलों में शिफ्ट हो गए हैं. इस बात की जानकारी तब हुई जब यूपी गृह विभाग ने इन आरोपियों के संबंध में जानकारी मांगी।

पता चला है कि रतलाम डीआईजी ने इन आरोपियों की पोस्टिंग और यूपी में दर्ज FIR से जुडी जानकारी गृह मंत्रालय को भेज दी है. उनका कहना है कि विभागीय जांच भी कराइ जा रही है.

ये है पूरा कांड

मामला नवंबर 2022 का है. मंदसौर के कुछ पुलिसवाले यूपी के आगरा में घुसकर राजस्थान के रहने वाले ट्रक मालिक को अगवा कर लेते हैं. वह कूच बिहार से बांस भरकर ला रहा था, लेकिन इन पुलिसवालों ने उसपर 65 किलो अफीम की तस्करी का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया।

इसके खिलाफ ट्रक मालिक की पत्नी कोर्ट गई. उसने आगरा टोल बूथ के CCTV फुटेज और फास्टैग की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की तो पुलिस की भूमिका संदिग्ध समज में आई. कोर्ट के निर्देश पर 2 जून 2023 को उत्तर प्रदेश के आगरा पश्चिमी के एत्मादपुर थाने पर MP के दो टीआई भरत चावला और राकेश चौधरी मंदसौर के अलावा आठ पुलिसकर्मी, एक अन्य और 2 मुखबिरों पर केस दर्ज किया था। आरोपी बनाए गए कुछ पुलिसवाले इंदौर, भोपाल में मनचाही जगह पोस्टेड भी हो गए हैं।

घटना 22 से 24 नवंबर 2022 के बीच की है। राजस्थान के धौलपुर का रहने वाला ट्रक मालिक श्रवण कुमार कूच बिहार से बांस का ट्रक लेकर जोधपुर-राजस्थान के लिए निकला था। जब वह उत्तर प्रदेश पहुंचा तो कई टोल नाकों पर उसने फास्टैग के जरिए पेमेंट भी किया था। लखनऊ एक्सप्रेस-वे होते हुए आगरा रिंग रोड पहुंचा। यहां आने के बाद रहनकलां टोल बूथ पार किया। यहां ट्रक पार्क कर सुस्ताने उतरा था।

इसी बीच बिना नंबर की इनोवा कार से पांच लोग उतरे और श्रवण को जबर्दस्ती अपनी गाड़ी में डालकर ले गए। यह पूरा दृश्य टोल के CCTV में कैद हो गया। इसके बाद किसी और व्यक्ति को बांस से भरे ट्रक पर बैठाया। वहां से ट्रक को यू-टर्न लेकर वापस रहनकलां टोल से निकाला गया। उसका फास्टैग और GPS तोड़ दिया गया। मेन्युअल रसीद कटवाई गई। पुलिसवाले जो इनोवा लाए थे, उसका भी फर्जी नंबर टोल पर लिखवाया गया था। इसके बाद श्रवण को मंदसौर लाकर 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई। नहीं देने पर दो मुखबिरों की मदद से 65 किलो अफीम का केस बनाकर जेल भेज दिया गया।

चूंकि ट्रक की GPS लोकेशन और फास्टैग का आखिरी भुगतान रहनकलां आ रहा था, इसलिए श्रवण की पत्नी वहां ढूंढते हुए पहुंची। यहां उत्तर प्रदेश पुलिस से संपर्क किया तो वह कुछ नहीं बता सकी। रिपोर्ट भी नहीं लिखी तो ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा दी। इस पर से पता चला कि श्रवण को मंदसौर पुलिस ने आगरा टोल से उठाया है। ट्रक भी साथ ले गई है।

जब श्रवण का परिवार मंदसौर पहुंचा तो पुलिसवाले कुछ भी बताने से मना करते रहे जबकि यहां पर श्रवण के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हो चुका था। उस पर 65 किलो तस्करी के आरोप थे।

महिला ने पूछा कि आगरा तो UP में आता है, यदि ऐसा कुछ था तो मध्यप्रदेश पुलिस ने आगरा या यूपी पुलिस की मदद क्यों नहीं ली? जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो महिला ने वकील के जरिए अदालत में आवेदन कर दिया।

इसमें पुलिस पर झूठी कहानी रचकर पति को फंसाने और फिरौती मांगने के आरोप लगाए थे। आवेदन के साथ में रहनकलां टोल के 24 नवंबर 2022 के फुटेज, कूच बिहार से किए जा रहे टोल के फास्टैग पेमेंट की रसीदें पेश की गईं। कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए यूपी आकर ट्रक मालिक श्रवण कुमार को उठाने वाले पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

अंतत: घटना के छह महीने बाद जून 2023 में यूपी के आगरा पश्चिमी के एत्मादपुर में केस दर्ज हो गया था, लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं लगी। जब वहां से चिट्‌ठी आई तब इनकी कुंडली खंगाली जा रही है।

FIR के बाद भी मनचाही पोस्टिंग हो गई

हैरान करने वाली बात ये है कि जिन पुलिसवालों के खिलाफ यूपी में केस दर्ज है, मामला कोर्ट में है, उन्हें मध्य प्रदेश में मनचाही पोस्टिंग मिल गई है. पुलिसकर्मियों ने अपने कांड को विभाग से छुपाए रखा. लेकिन ट्रक मालिक की पत्नी ने एक-एक आरोपी पुलिसवाले की कुंडली खंगाल ली और जानकारी पुलिस मुख्यालय को भेज दी. अब अब मप्र के गृह मंत्रालय ने मंदसौर से लेकर इंदौर और भोपाल के अफसरों ने इस एफआईआर को लेकर जानकारी मांगी है।

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