अमेरिका और यूरोप जैसे देशो में लोग क्रेडिट कार्ड के भरोसे जी रहे हैं. हालत ऐसे हो गए हैं की यहाँ अब क्रेडिट कार्ड की EMI और भारी भरकम लोन चुकाने में ही लोग परेशान हैं। धीरे धीरे क्रेडिट कार्ड का मकड़जाल भारत में भी पाँव पसार रहा है, लेकिन आज हम आपको इससे उबरने के आसान तरीके बताएँगे।
आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि अमेरिकी लोगों ने 2022 में 163.89 बिलियन डॉलर यानी 14 लाख करोड़ रुपए क्रेडिट कार्ड की फीस भरने और ब्याज भरने में खर्च कर दिए।
ये रकम इतनी बड़ी है कि इसमें साउथ सूडान, जॉम्बिया जैसे पचास से अधिक छोटे-छोटे देशों की जीडीपी समा जाए।
वॉलेट हब के एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी नागरिको ने 2018 से 2020 के बिच क्रेडिट कार्ड के बिल के रूप में 120 मिलियन डॉलर यानी लगभग 10 लाख करोड़ रूपये जमा किये हैं.
क्रेडिट कार्ड के कर्ज का बोझ बढ़ने से आपकी क्रेडिट स्कोर को काफी नुकसान पहुंच सकता है, जिससे भविष्य में लोन या क्रेडिट मिलने में मुश्किल होती है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी बातें, जो आपको पैसों के लेनदेन का सही तरीका और संतुलित रूप से रखरखाव सिखा सकती हैं। क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कोई बुरी बात नहीं है, लेकिन उसमें बैलेंस्ड अप्रोच होना बेहद आवश्यक है।
महज 4 बैंक जारी करते हैं देश के 71% क्रेडिट कार्ड
बैंक बाजार की एक रिपोर्ट की माने तो, अप्रैल, 2023 तक भारत में 8.6 करोड़ Credit Card सर्कुलेशन में थे, जो संख्या 2022 के अप्रैल में 7.5 करोड़ थी. आकड़ो के अनुसार ये संख्या एक साल के भीतर 15 फीसदी बढ़ गई।
अनुमानित है कि 2024 की शुरुआत में क्रेडिट कार्ड्स की संख्या लगभग 10 करोड़ के पार हो जाएगी।
क्रेडिट कार्ड से खर्च करने में ये सावधानी जरूर बरतें
आमदनी का 40 फीसदी से ज्यादा न हो EMI
आमदनी का कितना हिस्सा EMI में जाना चाहिए, इसका अंदाजा आप अपना डेट-टू-इनकम (DTI) रेशियो कैलकुलेट करके भी लगा सकते हैं।
DTI से पता चलता है कि टेकहोम इनकम का कितना फीसदी हिस्सा लोन चुकाने पर खर्च होता है। सामान्य नियम यह है कि आपका डेट-टू-इनकम रेशियो 35-40 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
ऐसे में अगर आपकी महीने की इनकम 50 हजार है तो EMI सहित कुल कर्ज भुगतान अधिकतम 17,500 से 20,000 रुपए के बीच होना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड का बैलेंस कम रखें, जिम्मेदारी से करें पेमेंट
आप सबसे पहले क्रेडिट कार्ड का बैलेंस कम रख उसकी पेमेंट जिम्मेदार के साथ करें।
अगर आप क्रेडिट कार्ड का रेगुलर पेमेंट करते हैं तो भी बहुत पैसे बचा सकते हैं. आप जो भी ब्याज देते है उसे कम कर सकते हैं.
पेमेंट के लिए महीने के अंत का न करें इंतज़ार
आपका बकाया बैलेंस जितना ज्यादा होगा उतना ज्यादा ब्याज देना होगा। ऐसे में आप महीने का इंतज़ार न कर समय से पहले भुगतान करें।
नियमित रूप से छोटी सी रकम भर कर भी आप अपनी बकाया राशि कम कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के ब्याज को कम न समझें, कर्ज में उलझ जाएंगे
ज्यादातर क्रेडिट कार्ड के लिए हर महीने कम-से-कम 5 फीसदी पेमेंट करना जरूरी होता है, और बाकी का बैलेंस अगले महीने के बिल में शामिल हो जाता है और उस पर ब्याज लगता है। इस पर सामान्यतः 4 फीसदी तक इंटरेस्ट लिया जाता है। यह कम नहीं है क्योंकि इससे कर्ज के जाल में फंसने का डररहता है। इसे जल्द-से-जल्दचुकाने की कोशिश करे।
क्रेडिट कार्ड वही लगाए जहाँ न देना पड़े ब्याज
ढेर सारे बैंक उन एकाउंट्स को रिवार्ड्स देते हैं जिनपर ज्यादा बकाया राशि नहीं होती। बैंक उन्हें एक इंट्रेस्ट फ्री पीरियड भी देता है जो 45 दिन या उससे ज्यादा होती है.
अगर आप तय पीरियड में बिल चुकता करते हैं तो आपको कोई ब्याज नहीं देनी पड़ती और बैंक आपको इंट्रेस्ट फ्री मौका भी देता है। आपको इसी इंटरेस्ट-फ्री पीरियड में ही बड़ी खरीदारी करनी चाहिए।
सारे क्रेडिट कार्ड के बैलेंस को एक जगह करे ट्रांसफर
अगर आप एक कार्ड का बैलेंस नहीं चूका पा रहें हैं और आपके पास कम इंटरेस्ट रेट वाला कार्ड भी है तो अपने पहले कार्ड के बैलेंस को दूसरे कार्ड में ट्रांसफर कर ज्यादा ब्याज देने से बच सकते हैं।
ये करने से पहले आप प्रोसेसिंग फीस के बारे में जरूर पता कर लें उसे बाद सभी बकाया बैलेंस को एक जगह ट्रांसफर करें।
बड़ी खरीदारी करते समय रकम को EMI में बदले
त्योहारों के समय आप कोई भी बड़ी खरीदारी करते हैं तो उसका ब्याज ज्यादा हो सकता है, ऐसे में आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर उसे EMI में चूका सकते हैं। ऐसे में खरीदारी पर लगने वाले इंटरेस्ट को कम कर सकते हैं।
कम ब्याज दर की मांग करें
आप अपने कार्ड्स की रेगुलर पेमेंट करते हैं तो जाहिर है कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा। ऐसे में आप कम ब्याज दर के हकदार होते हैं। अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी से इंटरेस्ट रेट कम करने की मांग कर सकते हैं या ऐसी कोई दूसरी क्रेडिट कार्ड कंपनी तलाश सकते हैं, जो कम ब्याज दर प्रदान करे।