कोहरे में ढ़क गए शहर और गांव, आखिर कब होती है मौसम की ऐसी स्थित

सुबह के समय घने कोहरे में लिपटे शहर के सड़क दृश्य, कम दृश्यता के बीच वाहन धीमी गति से चलते हुए

वेदर न्यूज। रविवार को शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र कोहरे से ढ़क गए। सुबह हालात ऐसे रहे कि कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य के करीब पहुंच गई। सड़कों पर वाहन बेहद धीमी रफ्तार से चलते नजर आए, जबकि हाईवे पर कई जगह वाहन चालकों को हेडलाइट और फॉग लाइट जलाकर सफर करना पड़ा। पूरे दिन सूर्य के दर्शन नहीं हो सके, जिससे ठंड का असर और ज्यादा बढ़ गया। कई इलाकों में सुबह 9 से 10 बजे तक भी अंधेरे जैसा माहौल बना रहा। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा लिए।

जाने सर्दी मौसमी मिजाज

बताया जाता है कि ओस, धुंध, कोहरा या फॉग, ये सभी आपस में मिलते जुलते हैं. सर्दियों में मौसम ठंडा होने पर वायु जब पौधों के संपर्क में आती है तो वायु में उपस्थित जल छोटी छोटी बूंदों के रूप में पत्तों पर जमा हो जाता है, इसे ओस कहते हैं. हवा में उपस्थित जल वाष्प जब संघनित होकर धुएं के रूप में हवा में तैरते रहते हैं तो इसे धुंध कहते हैं. और जब यह धुंध गहरी हो जाती है तो इसे कोहरा या फॉग कहते हैं. जहां शहरों में वायु प्रदूषण अधिक होता है वहां ये फॉग धूएं के साथ चिपक कर और अधिक गहरा हो जाता है. यह जमीन के पास अधिक गहरा होता है इसलिए देखने में कठिनाई होती है. धुएं व कोहरे के इस मिश्रण को स्मोग कहते हैं।

आखिर कब पड़ता है कोहरा

कोहरा तब बनता है जब हवा के तापमान और ओस बिंदु के बीच का अंतर 2.5 °सेटीग्रेट (4.5 °एफ ) से कम होता है। कोहरा तब बनना शुरू होता है जब जल वाष्प हवा में निलंबित पानी की छोटी बूंदों में संघनित हो जाती है। जब ठंडी हवा पानी के ऊपर गर्म नम हवा के साथ मिलती है, तो नम हवा तब तक ठंडी होती है जब तक उसकी आर्द्रता 100ः तक नहीं पहुँच जाती और कोहरा बन जाता है। इस प्रकार का कोहरा पानी की सतह से उठते धुएँ के गुच्छों जैसा दिखता है।

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