रीवा में PWD पर ठेकेदारों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, मुख्य अभियंता को सौंपा ज्ञापन, दी आंदोलन की चेतावनी

Contractors accuse PWD of corruption in Rewa

Contractors accuse PWD of corruption in Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा संभाग में लोक निर्माण विभाग (PWD) के खिलाफ ठेकेदारों का गुस्सा फूट पड़ा है। संविदा कार्य संघ के बैनर तले रीवा, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, पन्ना, सतना समेत संभाग के सभी ठेकेदारों ने मंगलवार को मुख्य अभियंता कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। भारी संख्या में जमा ठेकेदारों ने विभागीय भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और मनमानी के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के बाद उन्होंने मुख्य अभियंता को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें तत्काल सुधार की मांग की गई। ठेकेदारों ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर काम ठप कर आंदोलन तेज किया जाएगा।

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PWD विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा

ठेकेदारों का मुख्य आरोप है कि PWD विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। संघ के अध्यक्ष अशोक मिश्रा और संरक्षक देवेंद्र तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “काम शुरू करने से पहले या पूरा करने के बाद अधिकारियों को मोटी रकम देनी पड़ती है। रिश्वत न देने पर फाइलें अटकाई जाती हैं, बिल पास नहीं होते और मानदेय तक रोक दी जाती है।” उन्होंने बताया कि बाहर के फर्जी ठेकेदारों को बैलेंस शीट में हेराफेरी कर टेंडर दिलाए जाते हैं, जबकि स्थानीय ठेकेदारों को परेशान किया जाता है। ” जमीन उपलब्ध न होने पर भी टेंडर बुलाए जाते हैं, फिर ठेकेदारों पर दबाव डाला जाता है। किसानों से मारपीट तक हो जाती है, लेकिन अधिकारी पलायन कर जाते हैं।”

ज्ञापन में प्रमुख मांगें शामिल हैं

  • अनुबंध नियमों का सख्त पालन, जिसमें समय पर भुगतान और सही माप दर्ज करना।
  • कार्यपालन यंत्रियों की निरंकुशता पर रोक, अपीलों पर सुनवाई और भ्रष्ट अधिकारियों की जांच।
  • टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता, फर्जी ठेकेदारों की जांच और गुणवत्ता मानकों का अनुपालन।
  • बिना रिश्वत के बिल पास करने की व्यवस्था।

ठेकेदारों ने कहा कि लंबे समय से शिकायतें की जा रही हैं, लेकिन चीफ इंजीनियर स्तर पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। अब सब्र का बांध टूट गया है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल तैनात रहा, जिससे स्थिति नियंत्रित रही। मुख्य अभियंता ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि मांगों पर उच्च स्तर से विचार किया जाएगा। हालांकि, ठेकेदारों ने 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है।

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