MP: भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन, मध्य प्रदेश के शहरी विकास का नया मॉडल

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Bhopal Metro Region: प्रदेश के 70वें स्थापना वर्ष पर भोपाल और आसपास के पांच जिलों को मिलाकर भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन (बीएमआर) की स्थापना की तैयारी तेज हो गई है। इस नई परियोजना से राजधानी क्षेत्र में आधुनिक शहरी ढांचा, उद्योग और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।

Bhopal Metro Region: मध्य प्रदेश की स्थापना के 70वें वर्ष में राज्य सरकार भोपाल और आसपास के पांच जिलों को मिलाकर भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन (बीएमआर) की स्थापना कर रही है। इसे अगली पीढ़ी के शहरी विकास मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक बजट निर्धारित किया गया है, जबकि करीब 10 हजार करोड़ रुपये के विकास कार्यों का खाका तैयार हो रहा है। इसमें सड़क विस्तार, आधुनिक सार्वजनिक सुविधाएं और एकीकृत शहरी ढांचे का विकास शामिल होगा।

9600 वर्ग किमी क्षेत्रफल, पांच जिले शामिल

बीएमआर का कुल क्षेत्रफल 9600 वर्ग किमी होगा, जिसमें भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले शामिल हैं। इन जिलों के मौजूदा मास्टर प्लान बीएमआर में समाहित होंगे, जिससे क्षेत्रीय विकास में समन्वय सुनिश्चित होगा। पूरे रीजन के लिए एकीकृत पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिसमें बस सेवाओं को एक एजेंसी के अधीन लाया जाएगा।भोपाल नगर निगम, जिला पंचायतें और नगरीय निकायों को भी बीएमआर की संरचना में जोड़ा जाएगा। स्थानीय पार्षदों के बहुमत के आधार पर सदन जैसी प्रतिनिधिक संरचना तय की जाएगी।

डीडीपी के लिए एजेंसी चयन प्रक्रिया शुरू

भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) विस्तृत विकास योजना (डीडीपी) के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया में है। इससे पहले बीएमआर का प्रशासनिक ढांचा और सेटअप तय किया जाएगा। शासन ने सितंबर 2025 में ही संबंधित नियम जारी कर दिए थे। अब वित्तीय और तकनीकी स्तर पर कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, तय समयसीमा में योजना क्रियान्वित कर क्षेत्र में कार्य शुरू हो जाएंगे।

औद्योगिक विकास को मिलेगी नई दिशा

एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्री मंडीदीप के पूर्व उपाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि पांच जिलों के शामिल होने से औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी। इससे परिवहन-लॉजिस्टिक लागत घटेगी, साझा आधारभूत ढांचा विकसित होगा और निवेशकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। मंडीदीप जैसे क्षेत्रों को संसाधन व बाजार से सीधा जोड़ा जाएगा। ई-बिलिंग जैसी जटिलताएं कम होंगी, नए उद्योग स्थापित होंगे और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार बढ़ेगा।

वैश्विक मॉडल से प्रेरणा

भोपाल क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने इसे शहरी विकास की दिशा में दूरदर्शी कदम बताया। वर्ष 2047 तक शहरी आबादी 50% से अधिक हो जाएगी, इसलिए योजनाबद्ध शहर विकसित करना जरूरी है। मुंबई-दिल्ली एनसीआर जैसे रीजन की खूबियों-खामियों से सीखकर नए मॉडल तैयार हो रहे हैं। चीन, सिंगापुर और यूएई जैसे देशों के ग्लोबल टाउन प्लानिंग से प्रेरणा ली जा रही है।

कोविड-19 के बाद महानगरों में पर्यावरण, यातायात और जनसंख्या दबाव बढ़ा है। टीयर-2 व टीयर-3 शहरों को विकसित कर महानगरों का बोझ कम किया जा रहा है। इससे कंपनियों-सरकारी कार्यालयों का वैकल्पिक स्थानांतरण आसान होगा, लागत घटेगी और आर्थिक प्रवाह बढ़ेगा। क्रेडाई ने सुझाव दिया है कि ग्लोबल टाउन प्लानर्स से मास्टर प्लान तैयार कराया जाए।बीएमआर मध्य प्रदेश के शहरीकरण और औद्योगिक विकास का नया अध्याय साबित होगा।

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