Amla Navami 2025 Upay: हिंदू धर्म में प्रत्येक पेड़-पौधे को पूजनीय माना जाता है। पेड़ पौधे प्रकृति माता का साक्षात स्वरूप होते हैं। ऐसे में प्रत्येक पेड़ पौधे का एक विशिष्ट महत्व होता है। इनमें से कुछ पेड़ पौधे आयुर्वेद दृष्टि से तो महत्वपूर्ण होते ही हैं साथ ही धार्मिक आस्था से भी जुड़े होते हैं। ऐसा ही एक पेड़ है आँवला का। आँवला के पेड़ की पूजा करने से न केवल विष्णु भगवान प्रसिद्ध होते हैं बल्कि ग्रह दशा भी बेहतर होती है, पितृ दोष का नाश होता है। बता दें आँवला पूजन का सबसे बेहतरीन दिन आँवला नवमी कहा जाता है। इस विशेष तिथि को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है।

जी हां, आँवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से भी अक्षय पर्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन से आंवला के सेवन की शुरुआत हो जाती है। आंवला जिसे आयुर्वेद में अमृत फल कहा जाता है इसका सेवन करने से शरीर, मन और आत्मा तीनों की शुद्धि होती है। आंवला को त्रिदोष नाशक फल भी कहा जाता है। और आज के इस लेख में हम आपको आँवला नवमी और आंवला के सेवन के विशिष्ट उपाय बताएंगे।
अक्षय नवमी पर आँवला का महत्व
पुराणों के अनुसार आँवला के वृक्ष में भगवान विष्णु अक्षय नवमी के दिन ही आकर विराजे थे। इसलिए इसे अक्षय फल भी कहा जाता है। आँवला के वृक्ष को भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त है। इसीलिए कहा जाता है कि आँवला की पूजा से न केवल भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं बल्कि गुरु ग्रह भी प्रसन्न होते हैं और सभी ग्रहों के दोष भी नाश होता हो जाते हैं। कहा जाता है कि आँवला नवमी के दिन आँवला का सेवन करने से पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहां तक की आँवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से स्थाई लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
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आँवला नवमी के दिन आँवला के सेवन के शुभ उपाय
आँवला नवमी के दिन सुबह स्नान इत्यादि से निवृत होकर आँवला के पेड़ पर जल चढ़ाएं। तत्पश्चात दो से तीन ताजा फल लेकर उसे पानी से धो लें और इसे खाएं। कहा जाता है कि आँवला नवमी के दिन आँवला का प्रसाद रूपी सेवन मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
आँवला के रस का सेवन: आंवला नवमी के दिन यदि आप आँवला का रस बनाकर घर में स्टोर करते हैं और रोजाना एक गिलास पानी में दो चम्मच आंवला का रस मिलाकर पीते हैं तो शरीर में दिव्य तेज उत्पन्न होता है और मन शांत होता है।
आँवला के पेड़ के नीचे भोजन: आँवला नवमी के दिन आँवला के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन खाने से ब्रह्मांडीय ऊर्जा आकर्षित होती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु माता लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं न केवल मानसिक परेशानियां दूर करते हैं बल्कि आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं।
आँवला दान करने का महत्व: आँवला नवमी के दिन जितना हो सके आँवला का दान करें। आप चाहे तो इस दिन आँवला मुरब्बा दान कर सकते हैं अथवा जितने हो सके आँवला के पेड़ लगा सकते हैं। आँवला का पेड़ लगाने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और संतान सौभाग्य मिलता है।
