कुलपति की जान बचाने के चक्कर में छात्रों को हुई जेल, कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

ग्वालियर। सोमवार को दिल्ली से ग्वालियर आ रही दक्षिण एक्सप्रेस में सफर कर रहे पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर रंजीत सिंह यादव को दिल का दौरा पड़ गया। वाइस चांसलर की जान बचाने के लिए उनके साथ उसी कोच में सफर कर रहे कुछ छात्रों ने एंबुलेंस से लेकर रेलवे की तमाम हेल्पलाइन पर मदद मांगी, लेकिन नाकारा सिस्टम की लापरवाही ने कुलपति की जान ले ली। एंबुलेंस के इंतजार में उनकी सांसें ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर उखड़ने लगी थीं, अपने सामने दम तोड़ रहे शिक्षक को छात्र देख न सके और गुस्से में रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म-एक के बाहर पोर्च में खड़ी हाइकोर्ट जज संजीव एस कालगांवकर के ड्राइवर से कार छीन बैठे। इसी गाड़ी से छात्र उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनकी सांस थम चुकी थी।

इस घटना के बाद पुलिस तक हाइकोर्ट जज की कार लूटने की खबर पहुंची तो पूरे शहर में सुबह करीब चार बजे नाकाबंदी कर दी गई। पुलिस ने अस्पताल घेर लिया। पुलिस को देखकर छात्र और आक्रोशित हो गए। करीब एक घंटे तक यहां हंगामा चलता रहा। हाइकोर्ट जज की कार छीनने के मामले में जीआरपी की ओर से शिकायती आवेदन दिया गया। इस मामले में पड़ाव पुलिस ने छात्रों पर लूट की एफआइआर दर्ज की है। बताया जा रहा है की यह छात्र ABVP से जुड़े हुए हैं.

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि किसी संकट में पड़े हुए व्यक्ति की जीवन रक्षा करना महान पुण्यकर्म है और यह पुनीत कार्य वही कर सकता है जिसमें दृढ़ता एवं संवेदना दोनों हो। यह चरित्र अभाविप के कार्यकर्ताओं की स्वाभाविक प्रकृति है, जिस चरित्र निर्माण के महायज्ञ में अभाविप 75 वर्षों से लगा है। प्रोफेसर यादव की दुखद मृत्यु विचलित करने वाली है। साथ ही अभाविप को अपने ऐसे कार्यकर्ताओं पर गर्व है। समाज के लिए सजगता से खड़े रहने वाले अपने कार्यकर्ताओं के लिए न्याय की मांग में विद्यार्थी परिषद सदैव खड़ी है।

शिवराज मुख्य न्यायाधीश को लिख चुके हैं पत्र

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अनुरोध कर चुके हैं कि छात्रों ने कार छीनने का अपराध कुलपति की जान बचाने के पवित्र उद्देश्य से किया। छात्रों का भाव किसी तरह का द्वेष या अपराधिक कार्य करने का नहीं था, इसलिए छात्रों के भविष्य पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उन पर दर्ज प्रकरण वापस लेकर उनका अपराध क्षमा करने की कृपा करें। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी छात्रों के अभिभावकों को भरोसा दिलाया है कि उन पर दर्ज प्रकरण को लेकर मानवता के आधार पर हर संभव मदद की जाएगी।

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ऐसा ही रहा तो होगी मानवता समाप्त

लोगों ने कहा की ABVP हमेशा सामाजिक कार्यों को लेकर सक्रीय रहती है. युवाओं ने जो भी किया वह लाखों छात्रों का भविष्य सवारनें वाले अपने कुलपति की जान बचाने के लिए किया। लोगों का ये भी कहना है की अगर कुलपति की जगह खुद जज साहब होते और जज की गाड़ी की जगह कुलपति की गाड़ी होती तो भी क्या तब भी इन छात्रों पर डकैती का केस लगाकर जेल में डाला जाता?

कोर्ट ने किया जमानत अर्जी ख़ारिज

हार्टअटैक से पीड़ित यूनिवर्सिटी के कुलपति को अस्पताल ले जाने के लिए हाईकोर्ट के जस्टिस की कार जबरन छीनने के आरोप में गिरफ्तार 2 एबीवीपी कार्यकर्ताओं को अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया.

डकैती मामलों के स्पेशल जज संजय गोयल ने एबीवीपी ग्वालियर के महानगर मंत्री हिमांशु श्रोत्रिय और महानगर सहमंत्री सुकृत शर्मा की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि कोई भी व्यक्ति विनम्रता से मदद मांगता है, बलपूर्वक नहीं.

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