सागर। दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग सोमवार को एमपी के सागर जिले के देवरी मे पहुता तो यहा का पूरा माहौल शिव मय हो गया। धर्म और आस्था का अद्भुत दृश्य यहां नजर आ रहा था। इस शिवलिंग की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी ऊंचाई 33 फीट और गोलाई भी 33 फीट है। एक ही पत्थर से इस शिवलिंग का निर्माण किया गया है। इस शिवलिंग का वजन लगभग 180 टन है। यह विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग बताया जा रहा है, जिसे कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे नेशनल हाईवे के जरिए ले जाया जा रहा है।
शिवलिंग को देखने शिवभक्तों की लग रही भीड़
जानकारी के तहत यह शिवलिंग तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के चंपारण तक की ऐतिहासिक यात्रा कर रहा है और इसे देखने के लिए नेशनल हाईवे-44 पर शिवभक्तों का तांता लग गया। पत्थर से निर्मित यह शिवलिंग इतना भव्य है कि इसे ले जाने के लिए 110 पहियों वाले विशेष ट्राले का उपयोग किया जा रहा है।
बिहार में स्थापित होगा शिवलिंग
यह शिवलिंग बिहार के चंपारण में बन रहे विश्व प्रसिद्ध विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। यह मंदिर 3 मंजिल का होगा और इसके मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट रहेगी। मंदिर में चार आश्रम होंगे। यह मंदिर आचार्य किशोर कुणाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। शिवलिंग की स्थापना फरवरी माह में प्रस्तावित है।
10 साल की मेहनत, 3 करोड़ रुपए खर्च
दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग बनाने में कारीगरों को 10 साल का समय लगा है और इस पर करीब 3 करोड़ रुपए का खर्चा आया है। इसके निर्माण के लिए सबसे पहले 250 मैट्रिक टन वजन का ग्रेनाइट का बड़ा पत्थर चुना गया। कारीगरों ने ग्राइंडर और ब्लेड की मदद से पत्थर को आकार दिया और छोटे औजारों से आकृतियां उकेरीं। लगातार घिसाई करके शिवलिंग को चिकना और चमकदार बनाया गया। अब इसका वजन 210 टन है।
अधिक जानने के लिए आज ही शब्द साँची के सोशल मीडिया पेज को फॉलो करें और अपडेटेड रहे।
- Facebook: shabdsanchi
- Instagram: shabdsanchiofficial
- YouTube: @shabd_sanchi
- Twitter: shabdsanchi
