विश्व हृदय दिवस, दिल जीवन का आधार, इन संकेतों को न करें नजर अंदाज

विश्व हृदय दिवस। आज विश्व हृदय दिवस दुनिया भर में मनाया जा रहा है। आपको बता दें कि दिल यानि की हार्ट केवल एक शरीर का अंग नही है। यह हृदय जीवन का आधार है। जब यह धड़कता है तो इससे हमारे शरीर की गति विधि न सिर्फ संचालित होती है बल्कि धड़कन में ही हमारी ऊर्जा, उमंग और जीवन का संचार होता है। आज बदलती जीवन शैली, तनाव और गलत खान-पान ने मानव के हृदय को खराब कर रहा है औैर इससे हृदय की बीमारिया तेजी से बढ़ रही है।

31 प्रतिशत मौते हृदय की बीमारी से

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में होने वाली कुल मौतों में 31 प्रतिशत मौतें हृदय रोगों से होती हैं। ऐसे में 29 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व हृदय दिवस हमें याद दिलाता है कि अपने दिल की देखभाल कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है।

शरीर में इस तरह के लक्षण दिल की बीमारी के संकेत

हार्ट विशेषज्ञों के अनुसार सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में तकलीफ, अचानक चक्कर आना, पैरों में सूजन और धड़कन का तेज या अनियमित होना ये सब दिल की परेशानी के संकेत हैं, जिन्हें कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।”

हर उम्र के लोगों को जरूरी

लोगो में यह भ्रतिया है कि बढ़ती उम्र के साथ हार्ट की बीमारी होती है, लेकन डॉक्टरों का कहना है कि हर उम्र के लोगो की देखभाल जरूरी है। बच्चों को पौष्टिक आहार व कम नमक-शक्कर की आदत डालनी चालिए। युवावस्था में नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान-शराब से दूर रहें, तनाव कम करें और जंक फूड छोड़ें। 40 साल के बाद नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच कराएं। संतुलित भोजन, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और रोजाना 45 मिनट से 1 घंटे की वॉक को जीवनशैली में शामिल करें।

जिम जाने वालो के लिए यह जरूरी

जिम में एक्सर साइज करते है तो उन्हे सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि उनके परिवार में हृदय रोग से कोई मरीज तो नही था, उन्हें वर्कआउट शुरू करने से पहले हृदय जांच जरूर करानी चाहिए। हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी जैसी अनुवांशिक बीमारियों में तेज वर्कआउट से अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। हमेशा वर्कआउट की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ाएं और किसी भी तकलीफ पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

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