Bihar Bhumi Survey : बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को रोकने के लिए अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वर्तमान सर्वेक्षण त्रुटिपूर्ण है। सर्वेक्षण में कोई कानूनी तंत्र नहीं अपनाया गया है। इस सर्वेक्षण से स्थिति और खराब होगी, जिससे भविष्य में उक्त मामले में मुकदमेबाजी बढ़ेगी।
जवाब नहीं मिलने पर जनहित याचिका दायर
वर्तमान सर्वेक्षण में आ रही कठिनाइयों को भी नजरअंदाज किया गया है। याचिकाकर्ता ने उक्त मामले में 7 सितंबर 2024 को राज्य के मुख्य सचिव और राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी आवेदन दिया है। वहां से कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने जनहित याचिका दायर की है।
कॉलेज की जमीन पर शराब नष्ट करने के मामले में राज्य सरकार पर एक लाख का जुर्माना (Bihar Bhumi Survey)
कॉलेज की जमीन पर प्रशासन द्वारा शराब नष्ट करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया है। इससे पहले कोर्ट ने सीवान के डीएम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में उपस्थित होकर दोषी अधिकारियों के संबंध में जानकारी देने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति पीबी बजनाथरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने इंदिरा गांधी महिला महाविद्यालय की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। यह महाविद्यालय सीवान जिले के मैरवा में स्थित है। सरकार का कहना था कि जमीन दान में दी गई है।
कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई को अवैध माना। Bihar Bhumi Survey
बता दें कि याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि उक्त जमीन पर कॉलेज का कब्जा है और राजस्व अभिलेखों में भी यह स्पष्ट है। इस पृष्ठभूमि में कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई को अवैध माना। कोर्ट ने इस मामले पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि प्रशासन मनमाने तरीके से कॉलेज की जमीन का इस्तेमाल शराब नष्ट करने के लिए कैसे कर सकता है।
कॉलेज का निर्माण शशि भूषण ने कराया था। (Bihar Bhumi Survey)
याचिकाकर्ता के वकीलों सुमित कुमार झा और विजय शंकर तिवारी ने कोर्ट को बताया कि उक्त कॉलेज का निर्माण अधिवक्ता शशि भूषण तिवारी ने 1986 में कराया था। शर्त पूरी नहीं करने पर बिहार इंटरमीडिएट काउंसिल ने 2004 में इसकी संबद्धता वापस ले ली थी।
जमीन खोदकर शराब नष्ट की गई।
शशि भूषण तिवारी के पुत्र विजय शंकर तिवारी ने 13 नवंबर 2021 को जब निरीक्षण किया तो पाया कि कॉलेज की जमीन खोदकर शराब को नष्ट किया गया है। मैरवा थाने द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने से मना करने के बाद उन्होंने सिवान के उत्पाद अधीक्षक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई। जब कोई सार्थक समाधान नहीं निकला तो उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।