Indian Navy Day 2023: जानिए क्यों मनाया जाता है भारतीय नौसैना दिवस?

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Indian Navy Day 2023: भारतीय नौसेना का इतिहास छत्रपति शिवाजी से जुड़ा हुआ है. उनकी याद में नौसेना दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र के राजकोट किले में शिवाजी महाराज की मूर्ति का उद्द्घाटन किया।

भारतीय नौसेना का इतिहास

History of Indian Navy: यदि बात करें भारतीय नौसेना के इतिहास कि तो ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1612 में नौसेना का गठन किया गया था. 1686 में इसका नाम ईस्ट इंडिया कंपनी मरीन से बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया था. 1863 से 1877 तक फिर इसका नाम बॉम्बे मरीन ही रहा. बाद में 1892 में इसे रॉयल इंडियन नेवी (Royal Indian Navy) का नाम दिया गया. भारत की आजादी के बाद 1950 में इसका नाम बदल कर भारतीय नौसेना कर दिया गया. वीर शिवाजी के जमाने से अंग्रेजों के शासन तक हिंदुस्तान की नौसेना का योगदान पूरी दुनिया हमेशा याद करती है. पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी भारतीय नौसेना ने अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया को हिला दिया था.

भारतीय नौसेना की ताकत

Strength of Indian Navy: भारतीय नौसेना में इस समय 67 हजार 252 सक्रिय सैनिक और 75 हजार रिजर्व सैनिक हैं. वहीं 2 विमान वाहक जहाज भारतीय नौसेना के पास है. नौसेना के बेड़े में करीब 300 जंगी जहाज, पनडुब्बियां और दूसरे जहाज हैं. इनमें 17 पनडुब्बियां, 60 जंगी जहाज और 128 गश्ती पोत शामिल हैं.

पूरी दुनिया में भारतीय नौसेना की रैंक

Rank of Indian Navy in The Whole World: भारतीय नौसेना दुनिया की टॉप 10 नौसेना में से एक है. इसका स्थान सातवें नंबर पर आता है. भारतीय शस्त्र सेना में तीन प्रभाग होते हैं- भारतीय थल सेना, वायुसेना और नौसेना। जिसमें थलसेना हमारी जमीनी क्षेत्र की रक्षा करती है और वायुसेना आकाश में. इसके अलावा नौसेना संमुद्री क्षेत्र में हमारी रक्षा करती है. अगर पड़ोसी देशों की बात की जाए तो चीन के बाद भारत की नौसेना सबसे ताकतवर है. जबकि पाकिस्तान का नंबर पूरे विश्व में 29वें स्थान पर है.

क्यों मनाया जाता है नौसेना दिवस

Why is Navy Day Celebrated: 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने 4 दिसंबर 1971 की रात को ऑपरेशन ट्राइडेंट (Operation Trident) आरंभ किया। यह पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से चलाए गए ऑपरेशन चंगेज खान (Operation Changej khan) का जवाबी कदम था. भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला किया और सफलता प्राप्त की. भारतीय नौसेना ने करांची बंदरगाह पर बम बरसाकर उसे ध्वस्त कर दिया।

इस हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए लेकिन भारत माता के सपूतों को कोई नुकसान नहीं हुआ. उन पर मां भारती की कृपा रही. 3 दिसंबर 1971 से शुरू होकर 16 दिसंबर 1971 तक चलने वाले इस युद्ध में बांग्लादेश, पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना. मई 1972 में आयोजित वरिष्ठ अधिकारी सम्मलेन में, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करने के लिए 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.

प्रधानमंत्री मोदी छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का उद्द्घाटन किया

4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र का दौरा किया। जिसमें उन्होंने राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्द्घाटन किया। फिर शाम 4 बजे सिंधुदुर्ग में भारतीय नौसेना दिवस के समारोह में शामिल हुए.

भारतीय नौसेना के पहले और वर्तमान चीफ

First And Present Chiefs of The Indian Navy: 22 अप्रैल 1958 को वॉइस एडमिरल राम दास कटारी (Ram Das Katari) को भारतीय नौसेना का पहला चीफ बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. वहीं वर्तमान में वॉइस एडमिरल आर हरि कुमार (R. Hari Kumar) भारतीय नौसेना के 25वें प्रमुख के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.

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