अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद बोइंग विमानों पर क्यों उठ रहे सवाल

About Boeing-787 Dreamliner In Hindi: अहमदाबाद में 13 जून 2025 को हुए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (एयर इंडिया) क्रैश, जिसमें 241 लोगों की मौत हुई, के बाद बोइंग विमान निम्नलिखित कारणों से सवालों के घेरे में हैं। इस हादसे ने बोइंग की साख को और नुकसान पहुंचाया, खासकर जब चीन जैसे देश पहले ही बोइंग डिलीवरी रोक चुके हैं। सोशल मीडिया और जनता में बोइंग के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है। अहमदाबाद क्रैश ने बोइंग की सुरक्षा, गुणवत्ता, और विश्वसनीयता पर नए सिरे से सवाल खड़े किए हैं।


बोइंग की तकनीकी खामियां

प्रारंभिक जांच में बोइंग 787 के टेकऑफ के दौरान कम ऊंचाई (825 फीट) और कम गति (174 नॉट्स) के साथ संभावित तकनीकी खामियां सामने आईं। गलत कॉन्फिगरेशन, जैसे फ्लैप्स सेटिंग्स या थ्रस्ट की कमी, और 43°C की गर्मी ने स्थिति को और गंभीर बनाया होगा।

बोइंग के गुणवत्ता पर सवाल

बोइंग के 787 और 737 मॉडलों में पहले भी फ्यूजलेज में दरारें, गलत जोड़, और निर्माण में कमियां (जैसे व्हिसलब्लोअर सैम सेलेपौर के खुलासे) सामने आई हैं। FAA की ऑडिट में बोइंग और इसके ठेकेदार स्पिरिट एयरोसिस्टम्स के गुणवत्ता नियंत्रण में खामियां पाई गईं।

पिछले हादसों का इतिहास

बोइंग 737 मैक्स के 2018-19 के दो हादसों (346 मौतें) और 2024 में अलास्का एयरलाइंस के 737 मैक्स 9 के मिड-एयर फ्यूजलेज ब्लोआउट ने बोइंग की विश्वसनीयता को पहले ही कमजोर किया था। और अब अहमदाबाद हादसा इस कड़ी में जुड़ गया है।

पायलट और ऑपरेशनल की गलतियां

जांच में पायलट की ओर से गलत टेकऑफ सेटिंग्स और पर्यावरणीय कारकों जैसे गर्मी का असर माना जा रहा है, लेकिन बोइंग के सिस्टम्स जैसे- ऑटोमेशन या अलर्ट की भूमिका भी जांच के दायरे में है।

कॉर्पोरेट की जवाबदेही

बोइंग पर सुरक्षा से समझौता करने और आपराधिक सेटलमेंट (2.5 अरब और 1.1 अरब डॉलर) के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई न करने का आरोप है। यह हादसा बोइंग की कॉर्पोरेट संस्कृति पर फिर से सवाल उठाता है। बोइंग पर पहले से भी सवाल उठते रहे हैं।

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