Maharashtra Elections 2024 : Maharashtra में जीत को लेकर इतनी Confindent क्यों है BJP? क्या है उसके पीछे की वजह?

Maharashtra Elections 2024 : भाजपा को भरोसा है कि महाराष्ट्र में महायुति महाविकास अघाड़ी को हराएगी। उसका मानना है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) कमजोर हैं। इस बार भी भाजपा सीधे मुकाबले में कांग्रेस को हराएगी। भाजपा शरद पवार की ताकत को स्वीकार करती है लेकिन अन्य दो घटक दलों के खराब प्रदर्शन के कारण महाविकास अघाड़ी सरकार बनाने से चूक जाएगी।

भाजपा महाराष्ट्र में जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। भाजपा को लगता है कि विधानसभा चुनाव में महायुति महाविकास अघाड़ी पर भारी पड़ेगी। इसलिए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी को ज्यादा सीटें मिलने के बाद भाजपा को यकीन है कि विधानसभा चुनाव में उसकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगेगा। दरअसल झारखंड की तरह भाजपा महाराष्ट्र में भी कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) को कमजोर कड़ी मान रही है।

भाजपा महाराष्ट्र में कांग्रेस को कमजोर कड़ी क्यों मान रही है?

महाराष्ट्र में भाजपा 152 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें 76 सीटों पर भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। भाजपा को भरोसा है कि कांग्रेस से सीधे मुकाबले में उसे हमेशा बढ़त मिली है और कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। इसलिए भाजपा खेमा यह मानकर चल रहा है कि भाजपा करीब पचास सीटों पर कांग्रेस को हरा पाएगी और कांग्रेस भाजपा के खिलाफ जीत दर्ज करने में विफल रहेगी।

पिछले दस सालों के चुनावों का हवाला देते हुए भाजपा का मानना है कि 102 सीटों पर चुनाव लड़ रही कांग्रेस अपने मुद्दों और रणनीति को लेकर असहज है। इसलिए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी की हार में कांग्रेस एक बड़ा फैक्टर साबित होगी। झारखंड में भी कांग्रेस 81 में से 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जहां कांग्रेस का अभियान काफी कमजोर नजर आया है।

कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) का प्रदर्शन रहेगा खराब। Maharashtra Elections 2024

भाजपा खेमे में चर्चा है कि महा विकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे में एनसीपी (शरद पवार) ने बाजी मार ली है। इसलिए शरद पवार की पार्टी महाविकास अघाड़ी में बेहतर प्रदर्शन करेगी। जबकि कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) सीटों के खराब चयन के कारण उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाली है।

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सीटों के अलावा मुद्दों के चयन में भी कांग्रेस और शिवसेना (UBT) की ओर से बड़ी खामी देखने को मिली है। इसलिए यह तय है कि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस और शिवसेना (UBT) का प्रदर्शन खराब रहेगा। भाजपा की नजर में शिवसेना (UBT) सबसे कमजोर कड़ी के रूप में भी सामने आ सकती है। वहीं, लाडली बहन योजना और विकास के नाम पर बेहतर अभियान चलाने के कारण शिवसेना (शिंदे) का प्रदर्शन बेहतर रहने वाला है।

संघ की एकता और हिन्दू एकता महायुति की सरकार बनाने में सहायक।

पीएम के नारे ‘एकजुट रहोगे तो सुरक्षित रहोगे’ और योगी आदित्यनाथ के ‘बांटोगे तो कटोगे’ ने हिंदू एकता को मजबूत किया है। पीएम के नारों के बाद ओबीसी एकता बढ़ी है। वहीं, आरएसएस इस चुनाव में मैदान में उतरकर बेहतर समन्वय बनाने में लगा है। लोकसभा चुनाव में भाजपा अध्यक्ष द्वारा आरएसएस को लेकर दिए गए बयान से असमंजस की स्थिति बनी थी। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए पूरी ताकत नहीं लगाई थी।

इस बार विधानसभा चुनाव में कहानी अलग है। राहुल गांधी के नारों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए आरएसएस कार्यकर्ता मैदान में उतर आए हैं। पीएम के नारों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए राहुल सोमवार को तिजोरी लेकर पहुंचे। बीजेपी को लगता है कि राहुल के खेमे में ‘एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे’ नारे को लेकर बेचैनी है। वहीं पीएम मोदी और योगी के नारों ने हिंदू वोटों को एकजुट करने का काम किया है।

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