मुंबई में क्यों बंद हुई काली-पीली टैक्सी?

Padmani Taxi मुंबई की सड़कों पर दशकों से चलने वाली 'पद्मनी टैक्सी' आज सोमवार से बंद हो गई है. 60 साल तक मुंबई की सेवा करने वाली इस टैक्सी का रविवार को आखिरी दिन था.

Padmani Taxi मुंबई की सड़कों पर दशकों से चलने वाली ‘पद्मनी टैक्सी’ आज सोमवार से बंद हो गई है. 60 साल तक मुंबई की सेवा करने वाली इस टैक्सी का रविवार को आखिरी दिन था.

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के बारे में अगर कोई सोचता है तो, उसके दिमाग में आज भी ‘पद्मिनी टैक्सी’ की तस्वीर उभरती है. आम लोगों के लिए दशकों से सवारी का सुगम साधन बनी इस टैक्सी सेवा को ‘काली-पीली’ के तौर पर जाना जाता था, जो कि इसके रंग को दर्शाता है. शहरवासियों का इस टैक्सी सेवा से गहरा जुड़ाव रहा है और अब लगभग छः दशक के बाद इसकी सेवा समाप्त होने जा रही है. चूँकि शहर में कैब संचालन की समयसीमा 20 साल है, ऐसे में अब सोमवार से मुंबई में आधिकारिक तौर पर ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी नहीं चलेगी। वहीं कुछ लोंगो की मांग है कि, कम से कम एक ‘प्रीमियर पद्मिनी’ को सड़क पर या संग्रहालय में संरक्षित किया जाए.

टैक्सियों की आयुसीमा निर्धारित कर दी गई है

अब मुंबई में काली-पीली टैक्सियों के लिए आयु सीमा 20 साल निर्धारित कर दी गई है. इसीलिए सोमवार से मुंबई की सड़कों पर ये काली-पीली टैक्सी नहीं दिखेगी। वहीं आखिरी ‘प्रीमियर पद्मिनी’ टैक्सी के मालिक अब्दुल करीब कारसेकर ने कहा कि ये टैक्सियां मुंबई कि शान हैं. पद्मिनी से पहले मुंबई में डबल डेकर बसें भी बंद हो चुकी हैं.

आनंद महिंद्रा ने किया भावुक पोस्ट

देश के उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने पोस्ट करते हुए लिखा कि आज से मुंबई की सड़कों पर आइकॉनिक प्रीमियर पद्मिनी नहीं चलेगी। उन्होंने आगे कहा कि ये टैक्सी आरामदायक नहीं थी, विश्वास लायक नहीं ,आवाज बहुत करती थी, साथ ही टैक्सी में सामान रखने की जगह भी नहीं थी, लेकिन मेरी उम्र के लोगों के लिए ये टैक्सी लाखों यादें बसाए हुए है. इस टैक्सी ने हमें पॉइंट A से B तक पहुँचाने का काम किया है. साथ ही उन्होंने आगे लिखते कहा कि गुडबाय और अलविदा, काली-पीली टैक्सी। अच्छे दिनों में साथ देने के लिए शुक्रिया।

Padmani Taxi: कैसा रहा 60 सालों का सफर

‘प्रीमियर पद्मिनी’ के अलावा भी मुंबई में कई अन्य कंपनियों कि काली-पीली टैक्सियां चलती हैं. ‘प्रीमियर पद्मिनी’ का सफर 1964 में शुरू हुआ था. तब का मॉडल फिएट-1100 डिलाइट हुआ करता था और यह कार 1200 सीसी की थी. इसमें स्टीयरिंग के साथ ही गेयर लगा होता था. इसे दुक्कर फिएट के नाम से भी जाना जाता था. 70 के दशक में इसे प्रीमियर प्रेडिडेन्ट के नाम से भी जाना जाता था. ‘महारानी पद्मिनी’ के नाम पर इसका नाम रखा गया था. हालाँकि 2001 में इसकी मैन्युफैक्चरिंग बंद हो गई थी. सरकार ने 2008 में टैक्सियों की लाइफ 25 साल निर्धारित कर दी. जिसे 2013 में घटाकर 20 साल कर दिया गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *