Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election 2024) लेकर प्रचार अपने आखिरी दौर में है। एक तरफ जहां सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं, वहीं बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि महाराष्ट्र चुनाव के बीच आज अचानक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा रद्द हो गया. अमित शाह को आज महाराष्ट्र में चार चुनावी रैलियों को संबोधित करना था, लेकिन उनकी चारों सभाएं अचानक रद्द हो गईं. सभी सभाएं रद्द करने के बाद अमित शाह आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए। भारतीय जनता पार्टी के विदर्भ संगठन मंत्री ने इसकी जानकारी दी है।
Amit Shah की चार जनसभाएं हुई रद्द। Maharashtra Election 2024
आपको बता दें महाराष्ट्र का चुनाव (Maharashtra Election 2024) में मात्रा 2 दिन शेष हैं ऐसे में अमित शाह लगातार अलग-अलग जिलों में जाकर रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। इसी क्रम में आज रविवार को भी केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव (Maharashtra Election 2024) को लेकर चार रैलियों को संबोधित करना था।अमित शाह को नागपुर के काटोल और सावनेर समेत गढ़चिरौली और वर्धा जिले में चार सभाओं में शामिल होना था। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक कार्यों के चलते अमित शाह अपना दौरा रद्द कर दिल्ली चले गए हैं।
Amit Shah की जगह Smriti irani जनसभाओं को संबोधित करेंगी।
शाह की जगह स्मृति ईरानी Smriti irani इन जगहों पर जनसभाओं को संबोधित करेंगी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान है। 288 सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। कल चुनाव प्रचार थम जाएगा। ऐसे में शाह आज जोरदार प्रचार करने वाले थे लेकिन अचानक उनकी सभी रैलियां रद्द कर दी गईं। इस बार महाराष्ट्र में मुकाबला महा विकास अघाड़ी बनाम महायुति है।
पुण्यतिथि पर बालासाहेब को किया याद। Maharashtra Election 2024
Amit Shah ने आज सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बालासाहेब ठाकरे को याद किया। बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर उन्होंने लिखा, ‘सनातन संस्कृति और राष्ट्रहित के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले प्रखर राजनेता बालासाहेब ठाकरे जी को उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण एवं नमन करता हूं। देश में जब भी विचारधारा के प्रति समर्पण और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता की बात होती है तो बालासाहेब ठाकरे जी का ख्याल जरूर आता है। विपरीत परिस्थितियों में भी विचारधारा और राजनीतिक मूल्यों से समझौता नहीं करने वाले बाला साहेब की सनातन संस्कृति और धर्म के प्रति प्रतिबद्धता प्रेरणादायी है।