राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा करने के लिए प्रमुख यजमान के तौर पर ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्रा को चुना गया है. बता दें कि डॉ. मिश्र आरएसएस से जुड़े हैं और उनका जन्म अंबेडकर नगर जिले के पतौना गांव में हुआ था. अब वे सात दिनों तक यजमान की भूमिका में रहेंगे।
राम जन्मभूमि परिसर में भगवान रामलला 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के साथ विराजमान होंगे। काशी के वैदिक विद्वानों की देखरेख में उनकी प्राण-प्रतिष्ठा शुरू होगी।16 जनवरी से शुरू हुआ अनुष्ठान 22 जनवरी को दोपहर 1:00 बजे तक समाप्त हो जाएगा। उसके बाद भगवान रामलला अपने भव्य महल में विराजमान होंगे। इसी बीच राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा करने के लिए प्रमुख यजमान के तौर पर ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा को चुना गया है. बता दें कि डॉ. अनिल मिश्रा आरएसएस से जुड़े हैं और उनका जन्म अंबेडकरनगर जिले के पतौना गांव में हुआ था. यजमान के रूप में उन्होंने मंगलवार को प्रायश्चित पूजन में हिस्सा तक यजमान की भूमिका में रहेंगे।
बता दें कि श्री रामजन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य डॉ.अनिल मिश्रा राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के प्रमुख यजमान हैं. डॉ. मिश्रा का जीवन सबसे महत्वपूर्ण समय संघ और उससे जुड़े कार्यों में बीता है. डॉ. अनिल का जन्म 1958 में अंबेडकर नगर में हुआ था. उन्होंने ब्रिज किशोर होम्योपैथिक कॉलेज से बीएचएमएच की डिग्री भी हासिल की है. होम्योपैथिक के डॉ. अनिल मिश्रा लंबे समय से स्वयं सेवक संघ से जुड़े थे. सुल्तानपुर और गोंडा जैसे जिलों में होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनाती से पूर्व उन्होंने संघ में स्वयंसेवक के रूप में कार्य भी किया है. संघ में सह प्रान्त कार्यवाहक के रूप में कार्य भी किया है.
डॉ. अनिल मिश्रा सरकारी नौकरी के अंतिम दौर में उत्तर प्रदेश होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार के पद का दायित्व भी निभाया है. राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहने और सरकारी नौकरी से वर्ष 2020 में नौकरी से रिटायर होने के बाद पूर्ण रूप से संघ के कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया तो कोर्ट के आदेश के बाद राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया.जिसके बाद डॉ. अनिल मिश्रा मंदिर ट्रस्ट में वरिष्ठ सदस्य के पद पर कार्य करने लगे और आज भी राम मंदिर ट्रस्ट में वरिष्ठ सदस्य हैं.