Story Of Kamla Persad-Bissessar: कौन हैं कमला पर्साद-बिसेसर फिर बनीं Trinidad और Tobago की PM

Who Is Kamla Persad-Bissessar: भारतवंशी नेता कमला पर्साद-बिसेसर (amla Persad-Bissessar) ने 28 अप्रैल 2025 को हुए त्रिनिदाद और टोबैगो के आम चुनाव (Trinidad and Tobago general elections Result )में शानदार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया है। 73 वर्षीय कमला ने अपनी पार्टी यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस (UNC) को सत्ता में वापस लाते हुए देश की प्रधानमंत्री के रूप में दोबारा कार्यभार संभाला है। यह उनकी दूसरी पारी है, इससे पहले वे 2010 से 2015 तक देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उनकी इस जीत पर बधाई दी है, जिससे दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्तों की झलक मिलती है।

कौन हैं कमला पर्साद-बिसेसर?

Who Is Kamla Persad-Bissessar In Hindi: कमला पर्साद-बिसेसर का जन्म 22 अप्रैल 1952 को त्रिनिदाद के सिपारिया में एक हिंदू भारतवंशी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता, लिलराज और रीता पर्साद, भारतीय मूल के थे, जिनके पूर्वज 19वीं सदी में भारत से त्रिनिदाद (Trinidad) आए थे। कमला ने अपनी शिक्षा लंदन के नॉरवुड टेक्निकल कॉलेज और वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय से पूरी की, जहां उन्होंने कानून और शिक्षा में डिग्रियां हासिल कीं। 1987 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 1995 से सिपारिया निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रही हैं। अपने करियर में उन्होंने अटॉर्नी जनरल, शिक्षा मंत्री और विपक्ष की नेता जैसे महत्वपूर्ण पद संभाले।

कमला पर्साद का भारत से नाता

Kamala Persad’s relation with India: कमला का भारत से गहरा सांस्कृतिक और पारिवारिक रिश्ता है। उनके पूर्वज भारत के भोजपुरी क्षेत्र से थे, जो औपनिवेशिक काल में त्रिनिदाद में चीनी मिलों में काम करने आए थे। कमला ने हमेशा अपनी भारतीय जड़ों पर गर्व व्यक्त किया है और हिंदू परंपराओं को अपनाया है। वह नियमित रूप से भारत की यात्रा करती हैं और भारतीय समुदाय के साथ सक्रिय रूप से जुड़ी रहती हैं। 2012 में भारत यात्रा के दौरान उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और भारत-त्रिनिदाद संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई थी। उनकी जीत पर पीएम मोदी की बधाई दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सहयोग को रेखांकित करती है।

चुनाव में जीत और सीटें

28 अप्रैल 2025 को हुए त्रिनिदाद और टोबैगो के आम चुनाव (Trinidad and Tobago general elections Result) में कमला की पार्टी UNC ने 41 में से 23 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल मूवमेंट (PNM) को केवल 10-12 सीटें मिलने की संभावना है। कमला ने अपने गृह क्षेत्र सिपारिया (Siparia) से भी भारी मतों से जीत हासिल की। हालांकि, सटीक वोटों की संख्या अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं की गई है, लेकिन अनुमानित तौर पर UNC को 50% से अधिक मत प्राप्त हुए, जो उनकी लोकप्रियता और जनता के भरोसे को दर्शाता है। पूर्व प्रधानमंत्री कीथ रोली और उनके उत्तराधिकारी स्टुअर्ट यंग की PNM को आर्थिक मंदी और बढ़ते अपराधों के कारण जनता का गुस्सा झेलना पड़ा।

कमला पर्साद की प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्ति

त्रिनिदाद और टोबैगो में संसदीय प्रणाली (Parliamentary system in Trinidad and Tobago) के तहत, जिस पार्टी को संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में बहुमत मिलता है, उसका नेता प्रधानमंत्री बनता है। UNC की जीत के बाद कमला पर्साद-बिसेसर को 29 अप्रैल 2025 को देश की सातवीं प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देश में राष्ट्रपति एक औपचारिक पद है, जबकि वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधानमंत्री के पास होती है। इस प्रकार, कमला अब देश की कार्यकारी प्रमुख हैं।

चुनौतियां और भविष्य

कमला के सामने आर्थिक मंदी, बढ़ते अपराध और गैंग हिंसा जैसी गंभीर चुनौतियां हैं। 2024 में देश में 623 हत्याएं दर्ज की गईं, जिसने त्रिनिदाद और टोबैगो को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में शामिल कर दिया। इसके अलावा, प्राकृतिक गैस उत्पादन में कमी और अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के ड्रैगन गैस फील्ड से लाइसेंस वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर दबाव है। कमला ने अपने अभियान में सामुदायिक पुलिसिंग, पेंशन में वृद्धि और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर जोर दिया है। उनकी नीतियां भारत के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में भी केंद्रित हो सकती हैं।

पीएम मोदी की बधाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमला की जीत पर ट्वीट कर कहा, “त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर को उनकी ऐतिहासिक जीत पर हार्दिक बधाई। भारतवंशी समुदाय की यह उपलब्धि दोनों देशों के बीच साझा विरासत को और मजबूत करेगी। भारत उनके नेतृत्व में त्रिनिदाद के साथ सहयोग बढ़ाने को उत्सुक है।” यह बधाई दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों और भारतवंशी डायस्पोरा के योगदान को दर्शाती है।

कमला पर्साद-बिसेसर की यह जीत न केवल त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए, बल्कि वैश्विक भारतवंशी समुदाय के लिए भी एक गर्व का क्षण है। उनकी अगुवाई में देश नई दिशा में आगे बढ़ने को तैयार है।

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