बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. रविवार 10 दिसंबर को डेढ़ घंटे चली मीटिंग के बाद मायावती ने इस फैसले का ऐलान किया है. आकाश, मायावती के छोटे भाई के बेटे हैं और फ़िलहाल पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं. लखनऊ में बसपा प्रमुख मायावती ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद पदाधिकारिओं के साथ बैठक बुलाई थी. मायावती के साथ उनकी गाड़ी में आकाश आनंद भी दफ्तर पहुंचे। इसमें 28 राज्यों से पदाधिकारी शामिल हुए.
कौन हैं आकाश आनंद?
Who is Akash Anand: आकाश आनंद, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई गुरुग्राम में हुई है. लंदन से MBA कर चुके आकाश आनंद की शादी इसी साल 26 मार्च को पूर्व राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ की बेटी डॉक्टर प्रज्ञा से गुरुग्राम के रेसॉर्ट में हुई थी. आकाश फिलहाल पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं. रविवार को मायावती ने साफ कर दिया कि उनके बाद आकाश ही पार्टी की कमान संभालेंगे। आकाश ने साल 2017 में राजनिति में एंट्री ली. शुरू-शुरू में वे मायावती के साथ मंचों पर नजर आते थे.
उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हुईं। इसके बाद मायावती ने उन्हें पार्टी की जिम्मेदारियां देनी शुरू कीं. पिछले 6 सालों के दौरान इन जिम्मेदारियों में लगातार इजाफा होता रहा. हाल ही में उन्हें राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में हुए चुनावों के दौरान प्रभारी बनाया गया था. कहा जा रहा है कि इन चुनावों में आकाश ने काफी मेहनत की.
क्या परिवारवाद के आरोप से बच पाएंगी मायावती
भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद मयावती के सामने भी कई सवाल उठ सकते हैं. फिलहाल मायावती के इस निर्णय पर ज्यादा राजनीतिक प्रतिक्रियाएं नहीं आई हैं. लेकिन सियासी जानकारों का कहना है कि अब उनके विरोधियों को उन पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाने का मौका मिल गया है. पार्टी के दिग्गज अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाए जाने को लेकर वे सवाल उठा सकते हैं. इसके साथ ही मायावती के सामने अपनी पार्टी को 2024 से पहले फिर एक मजबूत आधार देने की चुनौती भी है.
आकाश के बहाने बसपा का युवाओं पर फोकस
यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा को तगड़ा झटका लगा था. पार्टी का वोट शेयर 22% से घटकर 11% पर आ गया था. इसीलिए बसपा अपना खोया जनाधार पाने के लिए युवाओं को जोड़ना चाहती है. इसीलिए मायावती ने आकाश को उत्तराधिकारी चुना है.