मदरसों में कहां से आई 150 करोड़ की फंडिंग? अब जांच रोकने का बनाया जा रहा दबाव

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एसआईटी ने अब उत्तरप्रदेश के मदरसों की जांच के लिए केंद्रीय ख़ुफ़िया जांच एजेंसियों की भी मदद मांगी है. फंडिंग भेजने वाली संस्था कौन सी है? कहां से रकम भेजी गई. किस तरीके से रकम भेजी गई? रकम किस अकाउंट में भेजी गई है? अब जांच में इस तरह के सवालों के जबाव जानने की कोशिश की जाएगी।

UP Madrasa Funding: उत्तरप्रदेश में मदरसों की जांच में महज 2 साल में 100 करोड़ से अधिक की फंडिंग का खुलासा हुआ है. प्रदेश भर के 108 मदरसों में 150 करोड़ की फंडिंग हुई जिनमें केवल 80 मदरसों में सौ करोड़ की फंडिंग हुई है. SIT की जांच में बड़े पैमाने पर मदरसों में विदेशी फंडिंग के सबूत भी मिले हैं. यूपी के बहराइच, सिद्धार्थ नगर के साथ-साथ सहारनपुर, देवबंद, आजमगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, अलीगढ़ समेत दर्जनभर जिलों के मदरसों को खाड़ी देशों से बड़ी फंडिंग के सबूत मिले हैं.

ATS ने मांगा ब्यौरा

एसआईटी ने अब यूपी के मदरसों की जांच के लिए केंद्रीय ख़ुफ़िया जांच एजेंसियों की भी मदद मांगी है. फंडिंग भेजने वाली संस्था कौन है? कहां से रकम भेजी गई है? किस तरीके से रकम भेजी भेजी गई है? रकम किस खाते से भेजी गई है? अब एसआईटी इस तरह के सवालों के जबाव जानने की कोशिश करेगी। इसके अलावा फंडिंग मिलने के बाद रकम मदरसे में कहां खर्च हुई? खर्च की पूरी रसीद? खरीदारी का बिल? सब कुछ जांच के दायरे में होगा। मदरसों में पढ़ने वाले कुल बच्चे और मिलने वाली फंडिंग के संबंधों की जांच होगी। ATS ने भी फंडिंग का पूरा ब्यौरा मांगा है.

मान्यता और गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की होगी जांच

दरअसल बीते अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने एडीजी एटीएस और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों की तीन सदस्यों की एसआईटी गठित कर मदरसों की विदेशी फंडिंग की जांच के आदेश दिए गए थे. अभी तक राज्य के गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे ही जांच के घेरे में थे, लेकिन अब राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त मदरसों की भी जांच कराएगी। मदरसा शिक्षा परिषद ने मान्यता प्राप्त 4394 मदरसों की जांच करने का फैसला किया है. सरकारी अनुदान प्राप्त 560 मदरसों की जांच से इसकी शुरुआत होगी। माईनॉरिटी डिपार्टमेंट ने इसके लिए दो सदस्यों वाली कमेटी बना दी है.

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और मंडलीय उपनिदेशकों को जांच रिपोर्ट 30 दिसंबर तक बोर्ड के रजिस्ट्रार को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. जांच में मदरसों के मान्यता प्रमाण पत्र के निर्गमन में दर्ज मान्यता का स्टार मदरसे में स्वीकृत पदों की संख्या, शिक्षक और कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता, कक्षाओं की संख्या और मानक के अनुसार माप, शिक्षकों के सापेक्ष छात्रों का अनुपात, एनसीआरटी पाठ्यक्रम चल रहा है या नहीं? शासन द्वारा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और मंडलीय उपनिदेशकों को जांच रिपोर्ट 30 दिसंबर तक बोर्ड के रजिस्ट्रार को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.

उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने जांच रोकने की मांग की

इस मामले में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने मदरसों की जांच स्थगित करने की मांग की है. यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पत्र लिखा है. पत्र लिखकर अनुदानित और मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच स्थगित करने की मांग की है.

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